प्रयागराज । नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने शनिवार को ठाकुर हर नारायण सिंह पी.जी. कॉलेज, करेलाबाग में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला का उद्देश्य युवा पीढ़ी को नशे के दुष्परिणाम के बारे में जागरूक करना और खुद भी नशा छोड़ना एवं अपने आस-पास के लोगों को नशा न करने के लिए प्रोत्साहित करना था । कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ वी.के. मिश्रा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी एनसीडी सेल एवं डॉ सुषमा श्रीवास्तव, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका, मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय ने भी प्रतिभाग किया। डॉ. वी.के.मिश्रा ने कॉलेज के उपस्थित छात्रों को बताया कि कैसे जिंदगी की छोटी-छोटी परेशानियों का सामना कर अपने आप को मजबूत कर सकते हैं और कोरोना काल में नशे से दूरी बनाते हुए अपने शरीर को और मजबूत रखने के लिए महत्वपूर्ण उपायों को अपना सकते हैं। कार्यशाला के आयोजन में डॉ. उदय प्रताप सिंह, निदेशक एवं डॉ. अजय गोविंद मिश्रा, प्राचार्य ठाकुर हर नारायण सिंह पीजी कॉलेज की अति महत्वपूर्ण भूमिका रही।
डॉ. सुषमा श्रीवास्तव ने बताया कि काल्विन अस्पताल में तंबाकू, गांजा, शराब आदि नशे से संबंधित संपूर्ण इलाज की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध है। इसके लिए कोई भी व्यक्ति अस्पताल आकर उपचार का लाभ उठा सकते हैं, जोकि उनके लिए भविष्य के लिए उपयोगी होगा । कार्यशाला की मुख्य वक्ता नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. ईशान्या राज ने कहा कि नशा एक ऐसा मादक पदार्थ होता है, जो व्यक्ति की सोच, मनोभाव और मानसिक प्रक्रिया को क्षीण कर देता है और व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, कार्यस्थल पर परेशानियां लेकर आता है।
डॉ. राकेश कुमार पासवान ने नशे के प्रकार एवं उससे होने वाले मानसिक बीमारियों के बारे में तथा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध इलाज के बारे में चर्चा की और उपचार के फायदे बताये । डॉ. सुमन लता त्रिपाठी, सामाजिक कार्यकर्ता तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ ने छात्रों को व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर नशा छोड़ने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया। कार्यशाला के अंत में सामूहिक रूप से कॉलेज के निदेशक, प्रिंसिपल, शिक्षक, छात्र, स्टाफ तथा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने मुख्य अतिथियों के साथ नशा छोड़ने और उससे दूर रहने के लिए शपथ भी ग्रहण की I