कानपुर: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जायेगा। समुदाय को सीमित परिवार के लाभ के प्रति जागरूक करने के लिए इस वर्ष जनसंख्या पखवाड़े की थीम “आपदा में भी परिवार नियोजन की तयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी ” है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नेपाल सिंह ने बताया कि कोविड-19 महामारी में भी समुदाय में परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति प्रदान करना आवश्यक है। विश्व जनसंख्या दिवस पखवाड़ा में व्यापक स्तर पर समुदाय को परिवार नियोजन से जोड़ने के लिए कार्यक्रम को दो चरणों में मनाया जा रहा है। प्रथम चरण दम्पत्ति संपर्क पखवाड़ा 27 जून से शुरू हो चुका है और 10 जुलाई तक चलेगा।
डॉ. नेपाल सिंह ने बताया कि इस चरण में लक्षित दम्पत्तियों से संपर्क किया जा रहा है, साथ ही प्रचार- प्रसार के माध्यम से भी लोगो को सीमित परिवार के प्रति जागरूक किया जा रहा है। डॉ. सिंह ने बताया कि दूसरे चरण को सेवा प्रदायगी जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के रूप में मनाया जायेगा। इस चरण में लक्षित लाभार्थियों को परिवार नियोजन की सेवाएं प्रदान की जाएगी।
ए.सी.एम.ओ. व आर.सी.एच. के नोडल अधिकारी डॉ. एस.के. सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्त्ता लक्षित दम्पत्ति से संपर्क कर बास्केट ऑफ़ चॉइस के माध्यम से लक्षित दम्पत्तियों को परिवार नियोजन के साधन चुनने में सहायता कर रही हैं। इसके साथ ही दो बच्चों में कम से कम तीन सल का अंतर, परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी, प्रसव उपरांत परिवार नियोजन आदि पर भी बाल लिया जा रहा है। आशा कार्यकर्त्ता नसबन्दी के लिए इच्छुक व्यक्तियों का प्री-रजिस्ट्रेशन भी कर रही हैं और सेवा प्रदायगी चरण में इन व्यक्तियों को एंटीजेन टेस्ट के बाद नियत सेवा दिवस पर नसबन्दी की सेवाएं दी जायेंगी। सभी कार्यकर्ताओं को सभी गतिविधियाँ कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पूरी करने के आदेश दिए गए हैं।
डॉ. सिंह ने बताया कि जुलाई माह में संभावित प्रसव वाली गर्भवती महिलाओं को आशा कार्यकर्त्ता प्रेरित कर प्रसव के साथ ही पी.पी.आई.यू.सी.डी. की सेवा से जोड़ने के लिए परामर्श भी दे रही हैं। कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। सेवा प्रदायगी चरण में परिवार नियोजन साधनों को भी लाभार्थियों को उपलब्ध करवाया जायेगा। अन्तरा, छाया, माला एन, पी.पी.आई.यू.सी.डी. आदि साधनों की उपलब्धता सभी केन्द्रों पर सुनिश्चित की जा रही है। कार्यक्रम में टी.एस.यू. तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है।