कानपुर। एक सुखी और समृद्ध परिवार की कल्पना को जीवंत करने में परिवार नियोजन को सबसे आवश्यक माना जाता है। इसी संकल्पना को समुदाय स्तर पर पूरा करने के लिए 11 से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसका शुभारम्भ विश्व जनसंख्या दिवस पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर किया जायेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह के निर्देशानुसार जिले में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। ए.सी.एम.ओ व परिवार कल्याण के नोडल डॉ. एस.के.सिंह ने बताया कि ग्यारह जुलाई से प्रारम्भ होने वाले जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े को सफल बनाने के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। हमारा उद्देश्य है कि समुदाय में परिवार नियोजन की सेवाओं से जनमानस को जोड़ा जाये और उन्हें सभी सेवाएं उनके घर के नज़दीक ही प्राप्त हो सकें।डॉ. एस.के.सिंह ने कहा कि समुदाय में वृहद् स्तर पर परिवार नियोजन की सेवाएं देने के लिए निर्धारित पखवाड़े में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और जिला चिकित्सालयों व मेडिकल कॉलेज पर विभिन्न तिथियों में नसबंदी कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
\दम्पत्ति संपर्क चरण में आशा कार्यकर्त्ता घर-घर जा कर लक्षित दम्पत्तियों को बास्केट ऑफ़ चॉइस के माध्यम से परिवार नियोजन के अन्य साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। परिवार नियोजन के लिए पुरुषों को भी आगे आ कर भागीदारी करनी चाहिए। जो भी पात्र व्यक्ति नसबन्दी के लिए इच्छुक होंगे उन्हें कैंप में नसबंदी की सेवा दी जाएगी। पूरी प्रक्रिया कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सम्पादित की जायेंगी।
जिला चिकित्सालय उर्सला, डफरिन, अपर इंडिया (मेडिकल कॉलेज), जिला चिकित्साली के.पी.एम. और मा. काशीराम संयुक्त चिकित्सालय पर दिनांक 11,13,15, 20, 22, 27 व 29 जुलाई को कैंप आयोजित किये जायेंगे। इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरसौल पर 11,13, 20 व 27 जुलाई, सी.एच.सी. भीतरगाँव, पतारा, कल्यानपुर, बिल्हौर और ककवन पर 15, 22 व 29 जुलाई, सी.एच.सी. बिधनू पर 11,16, 23 व 30 जुलाई, सी.एच.सी. घाटमपुर, चौबेपुर और शिवराजपुर पर 12, 19 व 26 जुलाई, जे.एल. रोहतगी हॉस्पिटल पर 13, 15, 20, 22, 27 व 29 जुलाई को नसबंदी कैंप आयोजित किये जायेंगे।
अर्बन हेल्थ को-ऑर्डिनेटर मिलिंद गौतम ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसके लिए आशा कार्यकर्ता टू बाई टू मैट्रिक्स से लक्षित लाभार्थियों की पहचान करेंगी।इस मैट्रिक्स में परिवार नियोजन साधन यूजर और नॉन- यूजर्स की जानकारी होती है जिसकी सहायता से कार्यकर्त्ता नॉन-यूज़र की पहचान कर उन्हें परिवार नियोजन अपनाने की लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने बताया कि सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रत्येक ब्रहस्पतिवार को विशेष रूप से परिवार नियोजन के अस्थाई साधन और काउन्सलिंग की सेवाएं दी जाती हैं ।