कानपुर: जनपद में सोमवार से शुरू फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत लक्षित लाभार्थियों को मुफ्त दवा खिलाई जा रही है। इसके लिए जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय में लाभार्थी को दवा खिला कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह ने आई.डी.ए. कार्यक्रम के अन्तर्गत सैंतीस वर्षीय आशीष गुप्ता को फाइलेरिया रोधी दवा खिला कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। यह एक घातक रोग है, हालांकि प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा दी गयी दवाएं खाने से, इस रोग से आसानी से बचा जा सकता है।
जिला मलेरिया अधिकारी ए.के.सिंह ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल भी खिलाई जाती है जो बच्चों में होने वाली कृमि रोग का उपचार करता है जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है। उन्होंने बताया कि फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के सफल किर्यान्वयन के लिए जनपद में 4127 टीम लगाई गयी है, 688 सुपरवाइजर और 28 आर.आर.टी. टीम क्षेत्र में योगदान दे रही हैं।
डेंगू मलेरिया जन जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह ने संचारी रोगों के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए डेंगू मलेरिया जन जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखा कर डी.एम.ओ. कार्यालय से रवाना किया।
जिला मलेरिया अधिकारी ए. के. सिंह ने बताया की विशेष संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान सरकार की प्राथमिकता में है। यह जागरूकता रथ जिले के उच्च जोखिम वाले विभिन्न क्षेत्रो में संचारी रोगों के प्रति जन जागरूकता का कार्य करेगा। इसमें फैमिली हेल्थ इंडिया व गोदरेज की एम्बेड परियोजना सहयोग कर रही है। स्वास्थ्य विभाग और एम्बेड टीम के घर-घर जाकर बुख़ार की जांच व सर्वे, मच्छरों के पनपने वाली जगहों जैसे कूलर, टायर, गमले, पानी के बर्तन आदि की साफ सफाई एवं लार्वा नष्टीकरण का कार्य कर रही है।
शहरी मलेरिया इकाई के प्रभारी डॉ.आर.एन. सिंह ने बताया कि रोगों का इलाज कराने से बेहतर है उनसे पहले से ही बचा जाये। संचारी रोगो में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व फ़ाइलेरिया आदि आते हैं तो हम थोड़ी सी सावधानी बरत कर इन बीमारियों से बाख सकते हैं। इस अवसर पर एफ.एच.आई. से जिला समन्वयक मनीष कलवानिया, प्रोग्राम एसोसिएट प्रीती यादव, बी.सी.सी.एफ. आशा वर्मा, पीसीआई से सुनील कुमार, ए.एम.ओ.भूपेंद्र सिंह व पाथ से सीताराम चौधरी आदि मौजूद रहे।