एनटी/न्यूज़डेस्क/लखनऊ/ श्रवण शर्मा
वाराणसी : मुजफ्फरपुर बिहार की रहनेे वाली कैंसर पीड़ित 16 वर्षीय मिली विश्वास को लगभग 10 यूनिट रक्त के आवश्यकता थे। होमी भाभा कैंसर चिकित्सालय के आईसीयूू में चिकित्सा लाभ ले रही मिली विश्वास का परिवार वाराणसी में किसी सेेे भी परिचित नहीं था।
किसी प्रकार उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हिमांशु चतुर्वेदी का नंबर मिला और परिवार में उनसे रक्ततदाता हेतु सहयोग मांगा। बचपन से ही विभिन्नन सामाजिक गतिविधियों में बढ़़-चढ़क हिस्सा लेनेे वाले हिमांशु तुरंत अस्पताल पहुंचे और स्वयं रक्तदान किया। और भी रक्तदाताओं से संपर्क करने का प्रयास हुआ परंतु कुुुछ विशेष सफलता नहीं मिली, कहीं से कोई समाधान ना निकलते देख हिमांशुु ने बगल की एक दुकान से एक गत्ता और चार्ट पेपर खरीद कर उस पर सहयोग हेतुु पंक्तियां लिखी – “कृपया सहायता करें,16 वर्षीय बेटी को कैंसर है रक्तदान करें व जान बचाई”।
हिमांशु यह बैनर लेकर चिलचिलाती धूप में सड़क के बीचों बीच खड़ेे हो गए। सहयोग केे निवेदन को सबने अनदेखा नहीं किया, सड़क पर चल रहे में भी लोगों में कुछ आगेे भी और रक्तदान किया। इसी प्रकार सोशल मीडिया पर भी सहयोग का निवेदन देखकर कई काशीवासी रक्तदान के लिए आगेेे आए। 5 घंटे में हिमांशु ने मिली विश्वास के लिए पर्याप्त रक्तदाताओं को एकत्रित कर लिया और एक यूनिट ब्लड अधिक जमा करवा दिया।
प्रधानमंत्री मोदी हिमांशु को करते हैं फॉलो
मात्र आठ वर्ष की आयु से ही समाजसेवा, पशु चिकित्सा व गौ सेवा करते आ रहे काशी के शिवपुर निवासी हिमांशु चतुर्वेदी दुनिया के उन चुनिंदा 2346 लोगों में सबसे युवा हैं, जिन्हें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर फॉलो करते हैं। साधारण परिवार से आने वाले हिमांशु गरीबों की सहायता, सड़क पर बीमार व असहाय पड़े पशुओं की चिकित्सा करवाने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। उल्लेखनीय है कि विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों, राजनयिकों के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी देशभर के कुछ चुनिंदा ऐसे लोगों को भी फॉलो करते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में, राष्ट्र के विकास में, निस्वार्थ भाव से अपनी सहभागिता दर्ज करा रहे हैं।
SOS Pls HELP
Name- Mily Biswas 16 yrs
Blood cancer
10 Units Blood Needed (Any Group)
Contact – 8512838225Homi Bhabha Cancer Hospital, Lahartara, Varanasi.
I donated yesterday, unable to find more donors
परिवार बिहार मुजफ्फरपुर का है व वाराणसी में किसी से परिचित नहीं है pic.twitter.com/TybcJVaW7x
— Himanshu हिमांशु चतुर्वेदी ஹிமான்ஷு சதுர்வேதி (@HimanshuMessage) July 20, 2021
झुग्गी-बस्तियों में मनाते हैं हर त्योहार
होली हो या दीपावली, अपने परिवार और मित्रों के सहयोग से खाद्य सामग्री और कपड़े जुटाकर झुग्गी बस्तियों में रह रहे लोगों के बीच बांटते हैं। बच्चों को टॉफी और बिस्कुट देते हैं। कोरोना काल में हिमांशु संघ के ‘सेवा भारती’ के माध्यम से स्वयं गांव-गांव और घर-घर जाकर गरीबों तक राशन पहुंचाया। गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराकर इलाज कराया था।
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सैकड़ों पशुओं का करा चुके हैं उपचार
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय नोयडा परिसर के मेधावी छात्र 23 वर्षीय हिमांशु घायल बीमार पशुओं के बारे में सूचना मिलते ही बिना देर किए पहुंचते हैं और आवश्यकता पड़ने पर पशु को कई दिनों तक अपने घर पर रखकर उसका उपचार करते हैं। बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में पहुंच रहे हिमांशु रोज एक सार्वजनिक स्थान की सफाई करते हैं।
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