प्रयागराज : कोविड की वजह से माता- पिता को खोने वाले बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की घोषणा की गई है। इसके लिए निराश्रित बच्चों को हर महीने चार हजार रुपये दिए जाएंगे। पूर्व में पहली किस्त के रूप में ही छह महीने की राशि दिए जाने की घोषणा की गई थी। फिलहाल तीन महीने के लिए ही बजट उपलब्ध कराया गया है। इसके लिए यहां 195 बच्चों ने आवेदन किया है। इनमें से 135 के आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं। शेष 60 के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज कुमार मिश्रा ने बताया कि बृहस्पतिवार को पात्र पाए गए 135 बच्चों के खाते में 12-12 हजार रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह राशि जुलाई, अगस्त और सितंबर महीनों के लिए दी जाएगी। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान करीब 50 लाभार्थी कलक्ट्रेट परिसर एनआईसी में मौजूद रहेंगे। स्थित छह बच्चे खो दिए माता-पिता बाल सेवा योजना के लिए पात्र पाए गए 135 बच्चों में से छह ऐसे हैं जिनके माता-पिता दोनों का कोविड की वजह से निधन हो गया है।
संक्रमण की वजह से माता-पिता या इनमें से किसी एक को खोने वाले 135 निराश्रित बच्चों को बृहस्पतिवार को आर्थिक मदद पहुंचाई जाएगी। इन्हें तीन महीने की पहली की किस्त के रूप में 12 12 हजार रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री लखनऊ में इस योजना की शुरुआत करेंगे। यहां एनआईसी में सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसी क्रम में जिले के लाभार्थियों को प्रमाण दिए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि कोविड काल में माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले इन्हीं बच्चों के जीवन को संवारने के लिए वृहस्पतिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘उ. प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की विधिवत शुरुआत करेंगे । इस कार्यक्रम का प्रसारण प्रदेश के सभी जिलों में होगा । योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है । इन बच्चों में लखनऊ के 260, गोरखपुर के 176, मुजफ्फरनगर के 160, वाराणसी के 159, अयोध्या के 154, देवरिया के 143, प्रयागराज के 135, सहारनपुर के 119, गाजियाबाद के 109, झाँसी के 108, मेरठ के 102 के साथ अन्य जिलों के बच्चे शामिल हैं ।
0 से 18 साल के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में 4000 रूपये प्रतिमाह दिए जाएंगे । इसके साथ शर्त यह होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो, समय से टीकाकरण कराया गया हो और बच्चे के स्वास्थ्य व पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो । इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हों और बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के तहत संचालित बाल देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गए हों, उनको कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेशित कराया जाएगा । 11 से 18 साल के बच्चों की कक्षा-12 तक की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा । ऐसे वैध संरक्षक को विद्यालयों की तीन माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल हेतु प्रतिमाह 4000 की दर से 12,000 रूपये प्रतिवर्ष खाते में दिए जायेंगे ।
यह राशि कक्षा-12 तक या 18 साल की उम्र जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जायेगी । यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हों तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए उनको 18 साल का होने तक या कक्षा-12 की शिक्षा पूरी होने तक 4000 रूपये की धनराशि दी जायेगी बशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो । योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने पर शादी के लिए 1.01 लाख (एक लाख एक हजार रूपये) दिए जायेंगे । श्रेणी में आने वाले कक्षा-9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 साल तक के बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सुविधा दी जाएगी । ऐसे बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रबंध होंगे । कार्यक्रम के दौरान जनपद लखनऊ से लगभग 100 बच्चे तथा उनके अभिभावक भी कार्यक्रम में होंगे शामिल।