बारिश के मौसम में मच्छरों से भी रहें सावधान

कौशाम्बी : बारिश के मौसम में बुखार में लापरवाही न बरतें डॉक्टर से सलाह जरुर लें। मानसूनी सर्दी बुखार खतरनाक रूप धारण कर सकता है। सबसे बेहतर यही है कि सतर्कता के साथ उपचार कराएं। जिससे नुकसान नहीं उठाना पड़े। अस्पताल में जाकर डॉक्टर की परामर्श से इलाज कराएं। जब तक स्वस्थ्य न हो जाएं, तब तक नियमित इलाज कराना ही बेहतर है। बारिश का समय तमाम तरह की बीमारियों को लेकर आता है। जैसे:- बुखार, खांसी जुकाम और कई तरह के संक्रमण सहित कई तरह की बीमारियां लोगों को घेर लेती हैं। इसलिए ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही नुकसान दे सकती हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.कमल चंद राय ने कहा कि खुद से इलाज नहीं करें, अपशिक्षित चिकित्सक के पास जाना भी नुकसानदायक हो सकता है। हर संचारी रोग की समय से पहचान और शीघ्र इलाज से लोग स्वस्थ हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को इस समय मच्छरों से बचाव करना जरूरी है। मेडिकेटेड मच्छरदानी के इस्तेमाल, घरों के भीतर साफ-सफाई, हाथों की स्वच्छता, पौष्टिक भोजन के सेवन, चूहा, छछुंदर से घर को मुक्त करना, साफ़ पीने के पानी का इस्तेमाल, पानी का क्लोरिनेशन कर इस्तेमाल, मॉस्क के उपयोग, दो गज की दूरी जैसे नियमों को मानना आवश्यक हैं ।

मेडिकेटेड मच्छरदानी

डेल्टा मेथ्रिल सलूशन 2.5 रसायन का घोल बनाकर मच्छरदानी को इसमें डुबाया जाएगा। यह रसायन बाजार में भी उपलब्ध है। इसका घोल पानी में तैयार किया जाता है। इसके बारे में मलेरिया विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली जा सकती है। इस रसायन की खास बात है कि इसमें मच्छरदानी को डुबोने के बाद एक साल यह असर करता है। इस दौरान मच्छर आसपास भी नहीं फटकते। कई बार मच्छरदानी में छेद होने या कहीं से खुलने की वजह से मच्छर अंदर चले जाते हैं। दवा लगने के बाद इसकी संभावना नहीं रहेगी।

जिला मलेरिया अधिकारी अनुपमा मिश्रा ने बताया कि इस माह के दौरान टीबी, डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, कालाजार, कोविड-19 जैसे विभिन्न प्रकार के संचारी रोगों के अलावा कुपोषण के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जा रहा हैं । इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग नोडल की भूमिका में है। अभियान का मुख्य उद्देश्य बीमारियों के प्रति जनजागरूकता के जरिये रोकथाम है और इसके बावजूद अगर कोई बीमार होता है तो सही समय से सही इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधा दिलाना है। विभाग द्वारा जागरूकता के साथ साथ लार्वा का छिड़काव, गढ्डे की साफ़ सफाई दवा छिडकाव कराया जा रहा हैं |

उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान के दौरान 12 से 25 जुलाई तक घर- घर सर्वे में 409 बुखार के मरीज मिले जिसमे से 286 की मलेरिया स्लाइड द्वारा जाँच की गयी जिसमे शून्य मरीज, सर्दी जुकाम के लक्षणों वाले 206 मरीजो का कोविड -19 की जाँच करायी गयी जिसमे भी मरीज शून्य रहे | उन्होंने बताया की दस्तक अभियान के दौरान 58 क्षय रोगी (टी.बी) के मरीज, फाईलेरिया डिफोर्मेटी के 44 मरीज एवं 186 कुपोषित बच्चे चिन्हित कर सम्बन्धी विभाग को लिस्ट दी जाएगी |

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक के संजय ने बताया कि समुदाय में आशा कार्यकर्ता किसी भी परिस्थिति में सूचना मिलने पर मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद करती हैं। आवश्यकता पर एंबुलेंस सेवा भी मुहैया कराती हैं। और समय से इलाज शुरू कर दिया जाए तो जटिलताएं नहीं बढ़ती हैं और मरीज की जान बचायी जा सकती है।

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