कोविड प्रभावित अनाथ बालिकाओं का विवाह कराने में सरकार पहुंचाएगी मदद

कानपुर। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत कोविड-19 से प्रभावित/अनाथ हुई बालिकाओं की शादी में आर्थिक मदद प्रदान किये जाने की दिशा में तेजी से प्रयास शुरू किये जा चुके हैं । प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग वी. हेकाली झिमोमी ने इस सम्बन्ध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर इस बारे में आवेदन आमंत्रित करने के साथ ही उसके त्वरित निस्तारण की बात कही है । उन्होंने कहा है कि कोविड-19 से प्रभावित अनाथ बालिकाओं के विवाह के लिए आर्थिक सहायता/अनुदान प्रदान करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जांच महज 15 दिन के भीतर पूर्ण कर ली जाए ।

कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं, फिर भी कोरोना के कारण जो बच्चे प्रभावित हुए हैं, उनकी हर संभव मदद को सरकार उनके साथ है । ऐसे संकटग्रस्त बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान किये जाने के संबंध में प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ प्रारम्भ की गयी है । इस सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश गत दो जून को जारी किया गया था । उक्त शासनादेश में यह उल्लेख है कि कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित इस श्रेणी की सभी बालिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये की राशि उपलब्ध करायी जायेगी। इसी प्रकार शासनादेश में उल्लिखित है कि इसके लिए आवेदन पत्र का प्रारूप व दिशा-निर्देश पृथक से निर्गत किये जायेंगे। इसके तहत कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित /अनाथ / संकटग्रस्त बालिकाओं के विवाह हेतु आर्थिक सहायता / अनुदान प्रदान किये जाने हेतु दिशा-निर्देश व प्रारूप बुधवार को जारी कर दिये गये ।

पात्रता की श्रेणियां-

‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के अन्तर्गत लाभ प्राप्त कर रहीं बालिकाओं को ही उनके विवाह के लिए आर्थिक सहायता / अनुदान की धनराशि अनुमन्य की जायेगी । विवाह के लिए निर्धारित की गयी तिथि को वर की आयु 21 वर्ष तथा वधू की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिये । विवाह की तिथि के 90 दिन पूर्व से विवाह होने की तिथि के 90 दिन के अन्दर आवेदन किया जाना अनिवार्य होगा ।

ऐसे करें आवेदन :

ऐसी समस्त बालिकाएं स्वयं अथवा उनके माता /पिता अथवा संरक्षक योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑफ़लाइन आवेदन कर सकेंगे । आवेदनपत्र के साथ आवश्यक अभिलेखों की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न करना अनिवार्य होगा। आवेदन पत्र को ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम विकास अधिकारी / ग्राम पंचायत अधिकारी के पास या विकास खण्ड या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में तथा शहरी क्षेत्रों में संबंधित क्षेत्र के लेखपाल के पास या तहसील या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा कराया जा सकता है ।

आवेदन के लिए आवश्यक अभिलेख :

बालिका तथा उसके वर्तमान अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित पूर्ण आवेदन पत्र । माता – पिता / वैध संरक्षक जैसी भी स्थिति हो का मृत्यु प्रमाणपत्र तथा कोविड-19 से मृत्यु संबंधी साक्ष्य । वर व वधू का आयु प्रमाणपत्र किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण)अधिनियम, 2015 की धारा 94 में उल्लिखित प्रमाण पत्रों के अतिरिक्त परिवार रजिस्टर की नकल अथवा किसी सरकारी दस्तावेज की प्रति जिसमें आयु का उल्लेख हो। विवाह की तिथि नियत होने या विवाह सम्पन्न होने सम्बन्धी अभिलेख तथा विवाह का कार्ड व उत्तर प्रदेश के निवासी होने का प्रमाण-पत्र तथा आय प्रमाणपत्र का होना जरूरी है। परिवार की आय सालाना तीन लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए ।

15 दिन के अन्दर पूर्ण होगी प्रक्रिया तथा जाँच :

ऐसी समस्त चिन्हित बालिकायें या उनके अभिभावकों से जिला बाल संरक्षण इकाई सीधे सम्पर्क कर उनके आवेदन पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को चिन्हांकन के 15 दिन के अन्दर पूर्ण करायेगी। जनपद स्तरीय टास्क फोर्स इसके लिए जिला बाल संरक्षण इकाई का पर्यवेक्षण करेगी तथा यह सुनिश्चित करायेगी कि ऐसी समस्त बालिकाओं के आवेदन पत्र ससमय प्राप्त कर लिये गये हैं ।

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