कानपुर । राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत ब्रहस्पतिवार को जिला चिकित्सालय उर्सला में विभिन्न विभागों का उन्मुखीकरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ कानपुर नगर, एन.सी.डी. विभाग एवं जिला क्षय रोग नियंत्रण विभाग ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया । जिला चिकित्सालय उर्सला में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता गैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ. महेश कुमार ने की । बैठक में डॉ. मनीष कुमार सिंह, डॉ. संतोष निगम, निधि बाजपेई , वंदना, डॉ. महरोज़, एन.सी.डी. विभाग के काउन्सलर व जिला क्षय रोग विभाग के एस.टी.एस. आदि ने भाग लिया ।
डॉ. महेश कुमार ने बताया कि कोटपा (सी.ओ.टी.पी.ए. -2003) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है । इसके अन्तर्गत तम्बाकू सेवन से होने वाली हानियों के प्रति जागरूक करने के लिए अन्य विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य किया जाना है । इसके अन्तर्गत जिला चिकित्सालय/ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर स्थापित कोविड हेल्प डेस्क, तम्बाकू उन्मूलन केन्द्र, एन.सी.डी. क्लीनिक, टी.बी. क्लीनिक व अन्य कार्यक्रमों के अ
न्तर्गत कार्यरत काउंसलर व प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों पर कार्यरत काउंसलर रूटीन परामर्श के साथ तम्बाकू नियंत्रण के लिए भी काउन्सलिंग करेंगे ।डॉ. मनीष ने बताया कि तम्बाकू के सेवन से अनेक प्रकार की बीमारियाँ हो सकती हैं, इसमें कैंसर, टी.बी., अस्थमा, हर्पीज़, और मोतियाबिंद आदि बीमारियाँ शामिल हैं । उन्होंने तम्बाकू की आदत को छोड़ने में आने वाली समस्याओं और उनके निदान पर प्रकाश डाला । इसके साथ ही उन्होंने कोटपा अधिनियम की जानकारी भी दी ।डॉ. महरोज़ ने बताया कि जो व्यक्ति मधुमेह या हाइपरटेंशन की बीमारी से ग्रसित होते हैं उनमें तम्बाकू के सेवन से अत्यधिक नुकसान होता है ।
तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की जिला समन्वयक निधि ने बताया कि सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम एक दूसरे के संयुक्त प्रयासों से ही सफल बनाये जा सकते हैं । लोगों को बेहतर परामर्श दे कर तम्बाकू व अन्य विभिन्न प्रकार के नशे की आदतों से छुटकारा दिलाया जा सकता है और मानसिक समस्याओं का समाधान भी किया जा सकता है । उन्होंने बताया कि तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, एन.सी.डी. विभाग एवं जिला क्षय रोग नियंत्रण विभाग में से जिस विभाग को तम्बाकू सेवन करने वाले लोग मिलेंगे वह उनकी जानकारी दूसरे विभाग से साझा करेंगे। अंत में डॉ. महेश ने कहा कि सभी विभागों को मिल कर तम्बाकू को नियंत्रित करने के लिए कार्य करना है । इसके लिए उन्होंने सभी को दिशा- निर्देश देते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की ।