दूसरे के नाम गोल्डन कार्ड जारी होने पर न घबराएँ -शिकायत दर्ज कराएँ

कानपुर : आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आपके नाम का आयुष्मान कार्ड ( गोल्डन कार्ड) यदि किसी कारणवश और किसी के नाम जारी हो गया है तो चिंता की जरूरत नहीं है । यदि आपके पास योजना से प्राप्त कोई प्रामाणिक दस्तावेज उपलब्ध हैं , जैसे कि प्रधानमंत्री का पत्र या प्लास्टिक कार्ड तो अपनी शिकायत टोल फ्री नं. 180018004444 या 14555 पर दर्ज करा सकते हैं । इसके अतिरिक्त योजना से सम्बन्धित दस्तावेज लेकर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात डिस्ट्रिक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट (डीआईयू) टीम के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं । सम्बन्धित मामले की जांच के पश्चात्‌ शिकायत कर दी जाएगी जिसके उपरांत लाभार्थी सूचीबद्ध चिकित्सालय या जन सुविधा केंद्र पर जाकर आयुष्मान कार्ड बनवा सकता है ।

इस सम्बन्ध में स्टेट एजेंसी फॉर कम्प्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटिग्रेटेड सर्विसेज (सचिस) के संयुक्त निदेशक राजेन्द्र कुमार का कहना है कि योजना से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए सचिस द्वारा संचालित टोल फ्री नम्बर 180018004444 पर संपर्क किया जा सकता है । इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार के पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह योजना पूर्णतः पात्रता पर आधारित है, जिसकी सूची वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर तैयार की गयी है । पात्र परिवारों के लाभार्थी की अनुबंधित अस्पतालों में पहचान सुनिश्चित होने के पश्चात्‌ पांच लाख तक का नि:शुल्क चिकित्सा लाभ प्राप्त कर सकते हैं । लाभार्थी किसी भी अनुबंधित सरकारी अथवा निजी (प्राइवेट) अस्पताल में अपना आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड अथवा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त फोटो पहचान पत्र ले जाकर अपनी पहचान एवं पात्रता सुनिश्चित कर सकता है । कोई भी लाभार्थी www.mera.pmjay.gov.in के माध्यम से भी जानकारी प्राप्त कर सकता है ।
सूचीबध्द अस्पतालों की जानकारी चाहिए तो फोन उठाइए :
आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध अस्पतालों की जानकारी टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर- 180018004444 अथवा 14555 पर कॉल करके प्राप्त की जा सकती है । एंड्राइड फ़ोन पर उपलब्ध ऐप आयुष्मान सारथी के माध्यम से भी यह जानकारी प्राप्त की जा सकती है । सूचीबद्ध अस्पतालों की सूची हर जिले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, ग्राम पंचायत कार्यालय, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा आशा कार्यकर्ता के पास उपलब्ध हैं, वहां से भी यह जानकारी ली जा सकती है ।

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