कानपुर ।जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान मनाया गया । इस बार मातृत्व अभियान को मिशन शक्ति के अन्तर्गत प्रमुख कार्यक्रम के रूप में लिया गया है।कार्यक्रम के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व मुफ्त जांच की गई व मौके पर ही आर.सी.एच. नं. जनरेट कर रजिस्ट्रेशन किया गया ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि प्रसव से पूर्व ही गर्भवती महिलाओं की सभी अवश्यक जाँच की जाये जिससे गर्भ से जुड़ी किसी भी समस्या का पता लगाकर आवश्यक कदम उठाये जा सकें और माँ व बच्चे दोनों की जान बचायी जा सके ।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार कल्याण नोडल डॉ.एस.के. सिंह ने बताया कि इस बार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को मिशन शक्ति के प्रमुख कार्यक्रम के रूप में मनाया जा रहा है । इसमें सभी सरकारी चिकित्सालयों पर गर्भवती महिलाओं की जाँच की गई और आवश्यक निर्देश व परामर्श सेवाएं भी दी गई । डॉ. सिंह ने बताया कि इस बार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ककवनम में 79, बिधनू में 104, सरसौल में 56 और भीतर गाँव में 75 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व आवश्यक जांच की गई जिसमें 33 उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई । चिन्हित महिलाओं को आवश्यक सेवाएं दी जा रही हैं । उन्होंने कहा कि अभियान के अन्तर्गत परिवार नियोजन, पोषण, प्रसव स्थान हेतु काउन्सलिंग एवं निःशुल्क विशेष स्वास्थ्य जाँच शामिल हैं । गर्भवती महिलाओं को अन्य स्वास्थ्य योजना अन्तर्गत लाभ दिलाने के लिए केन्द्रों पर ही बैंक मित्र के माध्यम से लाभार्थियों का बैंक अकाउंट भी खुलवाया गया है ।
उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में होने वाले खतरों से बचाती है प्रसव पूर्व जांच
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधनू की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीषा शुक्ला ने कहा कि हाई रिस्क प्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर्स के द्वारा प्रसव पूर्व तीन सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। सुरक्षित मातृत्व अभियान में गर्भवती महिला के खून की जाँच, यूरिन जाँच, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और अल्ट्रासाउंड निःशुल्क किया जाता है ।
खतरे के लक्षण –
डॉ. मनीषा शुक्ला ने बताया कि गर्भावस्था में किसी भी समय योनि से स्राव, तेज़ बुखार, दौरा पड़ना, उच्च रक्तचाप, त्वचा का पीला पड़ना, योनि से रक्त स्राव, हाथ- पैरों या चेहरे पर सूजन , भ्रूण का कम हिलना या न हिलना और तेज़ सर दर्द या धुंधला दिखना खतरे के लक्षण हैं । इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो गर्भवती को तुरन्त चिकित्सालय ले जाना चाहिए ।