कानपुर : बरसात का मौसम डेंगू के संचरण के लिए अनुकूल होता है । इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग डेंगू से ग्रसित रोगियों के उपचार के लिए जिला चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आइसोलेटेड डेंगू वार्ड स्थापित कर रहा है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि बरसात का मौसम शुरू होते ही मच्छर जनित रोग बढ़ने लगते हैं । इनमें जिले में मुख्यतः डेंगू का प्रभाव ज्यादा देखा जाता है । इसको देखते हुए वर्तमान में डेंगू रोग का संचरण काल होने के कारण डेंगू रोग से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए आइसोलेटेड डेंगू वार्ड और फीवर हेल्प डेस्क स्थापित किये जायेंगे । इसके लिए जिला चिकित्सालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को निर्देशित किया जा चुका है । उन्होंने बताया कि 2021 की डेंगू एवं चिकनगुनिया रोकथाम एवं नियंत्रण कार्ययोजना के अनुसार यह कार्य किया जा रहा है ।
डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि यू.एच.एम. जिला चिकित्सालय (उर्सला) में कम से कम 10 बेड और ग्रामीण क्षेत्रों में समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 5-5 बेड डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए अरक्षित रहेंगे । उन्होंने बताया कि आइसोलेटेड डेंगू वार्ड में मच्छरदानी लगे हुए बेड रखे जायेंगे। इसके साथ ही बुखार से पीड़ित मरीज़ों के लिए फेवर हेल्प डेस्क स्थापित किये जायेंगे जहाँ पर मरीजों को उपचार और जाँच के लिए उचित परामर्श भी दिया जायेगा । जिला मलेरिया अधिकारी ए.के.सिंह ने बताया कि बरसाती मौसम में पानी जमा हो जाने से मच्छरों की पैदाईश बढ़ जाती है जिससे रोगों के फैलाव की संभावना बनी रहती है । इसलिए आवश्यक है कि बुखार आते ही बिना लापरवाही करे नज़दीकी चिकित्सालय जा कर अपनी रक्त जाँच कराएँ ताकि यदि मलेरिया या डेंगू हो तो तुरंत उपचार शुरू किया जा सके ।
पाथ- सी.एच.आर.आई. के आई.वी.एम. कोऑर्डिनेटर सीताराम चौधरी ने कहा कि अपने आस-पास पानी न जमा होने दें, सप्ताह में एक बार कूलर आदि जरुर साफ करें, घर में जल भराव के स्रोत जैसे गमला, फ्रिज की ट्रे, ख़राब बर्तन, टायर आदि की जाँच कर इन्हें निस्तारित कर दें । कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी का उपयोग करें व पूरी आस्तीन के कपड़े पहने । ऐसा करके हम मच्छर जनित बीमारियों से बच सकते हैं ।