आत्महत्या निषेध दिवस: रखो आत्मबल, आत्महत्या नही हैं हल

प्रयागराज  : राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज की टीम द्वारा विश्व आत्महत्या निषेध दिवस का आयोजन मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय सहित समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर किया गया |


मुख्य चिकित्साधिकारी प्रयागराज डॉ. डॉक्टर नानक सरन, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ वीके मिश्रा तथा मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय की प्रमुख अधक्षिका के नेतृत्व में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं मोतीलाल नेहरू मंडल चिकित्सालय प्रयागराज में बढ़-चढ़कर विश्व आत्महत्या निषेध दिवस मनाया गया | इस बार की थीम “क्रिएटिंग होप थ्रोउ एक्शन” यानि “सक्रियता से आशा उत्पन्न करना” पर आधारित रहा |

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ वीके मिश्रा ने कहा बताया कोविड समय से आमजन मानस मानसिक रूप बहुत कमजोर हो गया हैं वह अपने जीवन में आने वाली परेशानियों से हार मान कर आत्महत्या जैसे भयानक एवं गंभीर कदम उठा लेता हैं और और अपने पीछे परिवार को वेदनापूर्ण जीवन छोड़ जाता हैं | मानसिक स्वास्थ्य भी चिकित्सको के परामर्श एवं दवाओं से ठीक किया जा सकता हैं इस लिए किसी भी मानसिक समस्या के लिए चिकित्सको से राय अवश्य लें |

कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज की टीम में डॉ राकेश पासवान मनोचिकित्सक तथा शैलेश कुमार साइकेट्रिक नर्स ने मिलकर चिकित्सालय में आने वाले विभिन्न रोगों से ग्रसित लगभग दो सौ लोगों की स्क्रीनिंग की तथा स्क्रीनिंग के उपरांत आत्महत्या की प्रवृत्ति से ग्रसित लोगों को प्रमुखता से चिन्हित किया गया | इससे करीब 12 मरीज आत्महत्या की प्रवृत्ति एवं विचार वाले भी मिले इनमें से तीन ने पहले आत्महत्या करने का प्रयास भी किया था जिसके उपरांत उनकी काउसलिंग कर दवाएं दी गयी हुई | साथ ही उन्हें साइकोथेरेपी करने के लिए मन कक्ष में बुलाया गया है |

विश्व आत्महत्या दिवस चिकित्सालय के कर्मचारियों व अधिकारियों का सामान्य मरीजों सामान आत्महत्या की प्रवति वाले मरीजों का चिन्हीकरण कर उनको राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के पास काउंसलिंग एवं उपचार हेतु संपर्क किया गया |

डॉ राकेश पासवान मनोचिकित्सक ने बताया कि इस “क्रिएटिंग होप थ्रोउ एक्शन” यानि ”सक्रियता से आशा उत्पन्न करना” के माध्यम से प्रयागराज स्वास्थ्य विभाग ने “रखो आत्मबल, आत्महत्या नहीं है हल” के नारे के साथ सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आत्महत्या निषेध एवं रोकथाम पर एक सक्रिय अभियान चलाया गया है ताकि लोग आत्महत्या से अपने जीवन को समाप्त ना करें | उन्होंने बताया कि मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में परिक्षण के दौरान जो मरीज मिलें हैं उनकी आज की प्रकिया के बाद उन्हें दोबारा काउन्सलिंग एवं दवा के लिए आने को कहा गया हैं |

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