फर्जीवाड़े पर DG Shipping का वार: एक दिसंबर से लागू होंगी नई व्यवस्था,हाई-सिक्योरिटी फ़ॉर्म जारी!

फर्जीवाड़े पर DG Shipping का वार: एक दिसंबर से लागू होंगी नई व्यवस्था,हाई-सिक्योरिटी फ़ॉर्म जारी!

 

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नई दिल्ली। मुंबई. विदेश जाने वाले भारतीय नाविकों को अब एयरपोर्ट पर बार-बार होने वाली पूछताछ, रोक-टोक और बोर्डिंग से इनकार जैसी दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा। महानिदेशालय शिपिंग (DG Shipping) ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए Form-1, Form-1A और Form-1B के नए सुरक्षित संस्करण जारी कर दिए हैं।

DDG (Crew) कैप्टन पी.सी. मीणा ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि हाल के दिनों में कई भारतीय सिफ़ेररों को वैध दस्तावेज़ होने के बावजूद हवाई अड्डों पर रोका गया है।

पुराने फ़ॉर्म की वजह से होती थी दिक्कत: मीणा

पी.सी. मीणा ने कहा कि,पुराना Form-1 एडिटेबल था, इसलिए एयरलाइंस उसे लेकर संदेह जताती थीं। इसी वजह से नाविकों को देरी, पूछताछ और कभी-कभी बोर्डिंग डिनायल तक झेलना पड़ता था। नए फ़ॉर्म पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है।”

DG Shipping के अनुसार, वाराणसी, मुंबई, दिल्ली समेत कई हवाई अड्डों से ऐसी शिकायतें मिली थीं कि सिफ़ेररों को OKTB, वीज़ा, CDC और DGS रिकॉर्ड होने के बावजूद रोका गया।

किसे मिलेगा कौन-सा फ़ॉर्म

Form-1 – विदेशी झंडे वाले जहाजों पर काम करने जा रहे भारतीय सिफ़ेररों के लिए।
Form-1A – भारतीय ध्वज वाले जहाजों पर जॉइन करने वाले सिफ़ेररों के लिए।
Form-1B – टेक्नीशियन, सर्वेयर, OEM स्टाफ, होटल क्रू आदि गैर-सिफ़ेरर श्रेणियों के लिए।

ये तीनों फ़ॉर्म पुराने Form-1 की जगह इस्तेमाल होंगे और कोई भी एडिटेबल टेम्पलेट अब मान्य नहीं होगा।

नॉन-एडिटेबल PDF, वॉटरमार्क और सीरियल नंबर

मीणा ने बताया कि नए फ़ॉर्मों में:

नॉन-एडिटेबल PDF

DGS लोगो वॉटरमार्क

e-Migrate ARN आधारित वॉटरमार्क

ऑटो-जेनरेटेड सीरियल नंबर

जैसी सुरक्षा सुविधाएँ दी गई हैं ताकि कोई छेड़छाड़ या धोखाधड़ी न हो सके।

एयरलाइंस और इमिग्रेशन को स्पष्ट निर्देश

DG Shipping ने सभी एयरलाइंस, ग्राउंड-हैंडलिंग एजेंसियों और इमिग्रेशन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि नए तीनों फ़ॉर्म को वैध दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जाए।

मीणा ने कहा, अब से किसी नाविक को सिर्फ फ़ॉर्म के नाम पर रोका नहीं जा सकता। नए फ़ॉर्म सुरक्षित हैं और तुरंत स्वीकार किए जाने चाहिए।

सिफ़ेरर हुए ‘Key Workers’

Merchant Shipping Act 2025 के तहत नाविकों को Key Workers घोषित किया गया है।
इससे जहाजों पर चढ़ने-उतरने, शोर-लीव और मेडिकल जरूरतों में कोई बाधा नहीं आएगी।

Shri मीणा ने कहा,एयरलाइन और इमिग्रेशन का दायित्व है कि वे सिफ़ेररों की आवाजाही को सुचारू रखें।

शिकायत के लिए 24×7 मदद

यदि किसी को नए फ़ॉर्म होने के बावजूद रोका या परेशान किया जाए, तो नाविक सीधे DG Shipping से संपर्क कर सकते हैं:

📧 support.dgs@gov.in
📧 crews-dgs@gov.in
📞 9004048406, 8657549760

1 दिसंबर से लागू होगा आदेश

यह नया सर्कुलर 1 दिसंबर 2025 से प्रभावी होगा। सभी RPSL और Non-RPSL कंपनियों को आदेश दिया गया है कि वे प्रस्थान से पहले नाविकों को सही फ़ॉर्म और ट्रैवल डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराएँ।

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