एनटी न्यूज़ डेस्क / कर्नाटक / शिवम् बाजपेई
कर्नाटक की सत्ता की लिए चल रहे संग्राम में जीत विपक्ष की हुई. मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने शनिवार (19 मई) को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान इस्तीफे की पेशकश कर दी. येदियुरप्पा ने सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का अपना ही रिकॉर्ड भी तोड़ दिया.
नहीं साबित कर पाए बहुमत…
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को 19 मई शाम चार बजे राज्य विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना था, लेकिन इसकी नौबत ही नहीं आई. अगर येदियुरप्पा सदन के पटल पर बहुमत साबित कर देते, तो वे अपना ही पुराना खराब रिकॉर्ड तोड़ने से बच जाते, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
महज 55 घंटे में कर्नाटक में गिरी बीजेपी सरकार, जानिए क्या हुआ
2004 से अब तक…
कर्नाटक में इससे पहले 2004 के विधानसभा में भी जब बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, तब भी पार्टी सरकार नहीं बना पाई थी. बाद में 2007 में जोड़तोड़ कर बीजेपी का जेडीएस के साथ गठबंधन हो गया था. लेकिन बी.एस. येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के सात दिन के भीतर जेडीएस ने अपना समर्थन वापस ले लिया और येदियुरप्पा सरकार गिर गई.
आज येदियुरप्पा फ्लोर टेस्ट से पहले ही हारकर सात दिन के बजाय ढाई दिन (55 घंटे)के मुख्यमंत्री बनकर रह गए. इस तरह उन्होंने अपना ही पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया.
सत्ता सुख पाने के लिए कांग्रेसियों ने फूंक दिया…
याचिका ख़ारिज ना होती तो बच जाता रिकॉर्ड
सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में शनिवार (19 मई) शाम चार बजे बहुमत साबित करने के निर्देश दिए थे और तब तक उनके किसी भी तरह के नीतिगत फैसलों पर रोक लगा दी थी.
न्यायाधीश ए.के. सीकरी, न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और न्यायाधीश अशोक भूषण की पीठ ने शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने का आदेश देते हुए कहा था कि विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य, अस्थाई स्पीकर नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे और फिर बहुमत परीक्षण कराएंगे.
वहीं येदियुरप्पा ने याचिका दायर की थी कि उन्हें बहुमत परीक्षण के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाए लेकिन न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने याचिका को भी खारिज कर दिया.