एनटी न्यूज़ डेस्क / लखनऊ / श्रवण शर्मा
गया पहुंच इंसान चाँद तक, परमाणु बमों पर रहा इतरा. नहीं बना सका तो बस, अपने खून का एक कतरा
रक्तदान जीवनदान है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि रक्त देने से जरूरतमंद लोगों को जीवन मिलता है, बल्कि रक्तदाता को स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होता है।
नोबल पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन की याद में पूरे विश्व में यह दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य रक्तदान को प्रोत्साहन देना एवं उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। 14 जून 1868 को ही महान वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन का जन्म हुआ था, उन्होंने मानव रक्त में उपस्थित एग्ल्युटिनिन की मौजूदगी के आधार पर रक्तकणों का ए, बी और ओ समूह में वर्गीकरण किया। इस वर्गीकरण ने चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस महत्वपूर्ण खोज के लिए ही कार्ल लैंडस्टाईन को सन 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया।
जरूरी आकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के तहत भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत है लेकिन उपलब्ध 75 लाख यूनिट ही हो पाता है। यानी करीब 25 लाख यूनिट खून के अभाव में हर साल हजारों मरीज दम तोड़ देते हैं। खून के एक यूनिट से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। जानकर आश्चर्य होगा कि विश्व में प्रतिवर्ष 8 करोड़ यूनिट से ज्यादा रक्त, रक्तदान से जमा होता है। इसमें विकासशील देशों का योगदान 38 प्रतिशत होता है, जबकि यहाँ दुनिया कि 82 प्रतिशत आबादी रहती है.पर दुर्भाग्यवश अपना भारत इसमें काफी पिछड़ा हुआ है या यूँ कहें कि लोग जागरुक नहीं हैं। हर वर्ष भारत को 90 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, पर जमा मात्र 60 लाख यूनिट की हो पाता है।
रक्तदान को लेकर संगठनों की भूमिका
देशभर में रक्तदान हेतु नाको, रेडक्रास जैसी कई संस्थाएँ लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही है । फेडरेशन ऑफ इंडियन ब्लड डोनेर्स ऑर्गेनाइजेशन गैर सरकारी संगठन है, जो हमारे देश के विभिन्न शहरों में जरुरतमंद लोगों को रक्त देने का कार्य करता है। इस संस्था द्वारा समय समय पर रक्तदान कैंपों का आयोजन भी किया जाता है। आपके रक्त की एक बूंद किसी की जिन्दगी बचा सकती है। लोगों में रक्तदान को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, हमे भी इस सामाजिक दायित्व को आगे बढ़कर निभाना चाहिए।
महत्वपूर्ण तथ्य
- रक्त में प्लाज्मा नामक प्रवाही होता है।
- श्वेत रक्त कोशिकाएं जो रोगों से रक्षा करती हैं।
- एक वयस्क पुरुष / स्त्री में 5-6 लीटर तक रक्त होता है।
- कोई भी व्यक्ति हर तीन माह में रक्त दान कर सकता है।
- प्लेटलेट्स जो रक्त के बहने पर रक्त का थक्का जमा देते हैं।
- 450 मि.ली. रक्त से 3 लोगों का जीवन बचाया जा सकता है।
- भारत में रक्त दान योग्य व्यक्तियों में सिर्फ 4% ही रक्त दान करते हैं।
- 3 में से 1 व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी रक्त की आवश्यकता पड़ती है।
- हर 2 सेकंड में भारत में किसी न किसी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है।
रक्तदान से लाभ
- एजाइना से रक्षा ।
- वजन कंट्रोल करने में मददगार।
- मस्तिष्क के दौरे कम करता है।
- दिल का दौरा पड़ने से बचाता है।
- रक्तदाता में नई कोशिकाओं का सृजन होता है।
- दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।
- दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।
- यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
- इससे रक्तदाता व्यक्ति को विभिन्न अंगों में कैंसर के रिस्क से दूर रखता है।
- इससे ज्यादा कैलोरी और वसा को बर्न होता है, और पूरे शरीर को फिट रखता है।
- आयरन का स्तर नियंत्रित करता है, रक्त को गाढ़ा बनाता है, उसमें फ्री रेडिकल डैमेज बढ़ता है।
कौन कर सकता है रक्तदान
- जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो।
- कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 68 वर्ष के बीच हो।
- जिसके रक्त में हिमोग्लोबिन का प्रतिशत 12 प्रतिशत से अधिक हो।
कब न करें रक्तदान
- अस्वस्थ महसूस होने पर।
- अगर आप कैंसर के मरीज़ हैं।
- अगर आप किसी रोग से ग्रसित हैं।
- महावारी के दौर से गुजर रही महिला।
- बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिला।
समाज में फैली भ्रांतियाँ
- रक्त देने से एचआईवी हो जाता है
- रक्त देने से शरीर कमजोर हो जाती है।
- महिलाएं किसी को रक्त नहीं दे सकती।
- रक्त देने से मिर्गी जैसे दौरे पड़ने लगते हैं।
- शारीरिक मेहनत करने वाले व्यक्ति रक्त देने से बीमार हो जाते हैं।
तथ्य संकलन एवं संपादनः श्रवण शर्मा