एनटी न्यूज़ डेस्क / लखनऊ
विश्व योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि एक तरफ मजदूर, किसान भूखों मर रहा है, तो दूसरी ओर सरकार योग दिवस के बहाने अपनी ब्रांडिंग में जनता का हजारों-करोड़ रुपया पानी में बहा रही है।
पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि 21 जून 2015 का दिन आज भी उन्हें याद है जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में योग दिवस मना रहे थे और राष्ट्रीय किसान मंच ने इसका विरोध किया था। क्योंकि उस समय प्रदेश में सूखे और ओलावृष्टि से हाहाकार मचा हुआ था और किसान लगातार आत्महत्या कर रहे थे।
पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि आज भी हालात वैसे ही हैं। पिछले दिनों बुंदेलखंड में कई किसानों ने कर्जमाफी न होने से आत्महत्या कर ली। पूरे प्रदेश में गन्ना किसानों के भुगतान न होने से त्राहिमाम मचा है। न योगी सरकार ने अपना वादा पूरा किया और न ही मोदी सरकार ने। किसानों के साथ किये गए धोखे से किसान परेशान है और चुनाव आते ही प्रधानमंत्री किसानों से मन की बात करते हैं।
पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि सरकारों को ये बताना चाहिए कि आज किसान त्रस्त है, बीमार है वह कौन सा योग करे। सरकारों को ये भी बताना चाहिए कि जो किसान भूख से मर रहा है, वह कौन सा योग करे।
पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि किसानों और मजदूरों की वजह से 2014 में बीजेपी सरकार सत्ता पर आसीन हुई लेकिन अब उसी की ओर से किसानों और मजदूरों की उपेक्षा की जा रही है। तो क्या बीजेपी के लोग अब सोचते हैं कि किसानों और मजदूरों की उपेक्षा करके वह 2019 में सत्ता में वापसी कर लेंगे।
पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि हम योग का विरोध नहीं करते . योग सबको करना चाहिए लेकिन योग दिवस मनाने से पहले हमें जनता के हित के लिए सोचना होगा और किसानों और मजदूरों के हित के लिए सच्चे मन से काम करना होगा । जुमलेबाजी और झूठे वादे और योग के नाम पर खुद की ब्रांडिंग से किसानों और मजदूरों का भला ही नहीं होगा।