एनटी न्यूज डेस्क / नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती को तगड़ा झटका दिया है। मूर्तियों और स्मारक निर्माण मामले से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि उनकी राय है कि मूर्तियों पर खर्च पैसे को मायावती सरकारी कोष में जमा करवाना चाहिये।
मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया मूर्तियों, स्मारक और पार्कों पर खर्च हुए पब्लिक मनी को मायावती को सरकारी कोष में लौटना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।
Supreme Court says prima facie BSP leader Mayawati has to pay back all the public money spent on statues while hearing a plea seeking direction to restrain her from spending public money on building statues. CJI Ranjan Gogoi says it would hear the plea on April 2. (file pic) pic.twitter.com/I6vWjTujfR
— ANI UP (@ANINewsUP) February 8, 2019
बता दें कि वर्ष 2009 में रविकांत सहित कुछ लोगों ने स्मारकों और मूर्तियों के निर्माण के खिलाफ याचिका लगाई थी। वहीं इस याचिका को खारिज करने के लिए मायावती की तरफ से याचिका लगाई गई थी। जिस पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने मायावती के वकील से कहा, ‘अपने क्लाइंट को बता दीजिए कि उन्हें हाथियों और मूर्तियों पर खर्च जनता के पैसों को सरकारी खजाने में वापस करना चाहिए।
कई पार्कों का हुआ था निर्माण
बता दें कि मायावती शासनकाल के दौरान प्रदेश में कई पार्कों का निर्माण करवाया गया. इन पार्कों में बसपा संस्थापक कांशीराम, मायावती और हाथियों की मूर्तियां लगवाई गई थीं. ये मुद्दा इससे पहले भी चुनावों में उठता रहता है और विपक्षी इस मुद्दे पर निशाना साधते हैं. बसपा शासनकाल में ये पार्क लखनऊ, नोएडा समेत अन्य शहरों में बनवाए गए थे.