लॉकडाउन के मद्देनजर जीएसआईटीआई की ओर से नवोदित भूवैज्ञानिकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण

एनटी न्यूज डेस्क/ हैदराबाद

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वे प्रशिक्षण संस्थान ( जीएसआईटीआई) अपने इलेक्ट्रॉनिक्स प्लेटफार्म के जरिये मिशन-5 ( प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण) के तहत 24 घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित कर रहा है। ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध रहेगा।

इस संबंध में जीएसआईटीआई ने लॉकडाउन अवधि के दौरान 44वें ओसीजी ( ओरिएंटेशन कोर्स ऑफ जियोलॉजिस्ट) के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए अपना पहला ई-व्याख्यान आयोजित किया गया।

ई-व्याख्यान को वेब कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली के माध्यम से जोड़ा गया था जिसमें 93 प्रशिक्षु अधिकारी संबोधित साइटों के माध्यम से जुड़े। इसमें 44वें ओसीएजी के 26 प्रशिक्षु अधिकारी उत्तराखंड के भीमताल से, चौथे ओसीएजी पाठ्यक्रम-1 के 33 प्रशिक्षु अधिकारी हैदराबाद से और ओसीएजी के बैच 2 के 34 प्रशिक्षु अधिकारी कर्नाटक के चित्रदुर्ग से जुड़ें।

ई व्याख्यान अतिथि संकाय के तौर पर राजस्थान के बीकानेर के शेरा जिला के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के भौतिकी के व्याख्याता डॉ. अनिल थानवी ने दिया जो वेब कांफ्रेंसिंग सिस्टम के माध्यम से अपनी साइड से जुड़े। डॉक्टर थानवी भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में शोधकर्ता हैं और उन्होंने “सुपरकॉन्टिनेंट : एक नई और पूरी तरह से अलग सोच” विषय पर व्याख्यान दिया।

उन्होंने व्याख्यान में यूनिवर्स में सामान्य ज्यामिति प्रकृति के आकाशी वस्तुओं, सूर्य, तारों और विशाल गैसीय ग्रहों में ज्यामितीय संरचना और रोटेशन अंतर, खगोलीय पिंड और ब्रह्मांड में पदार्थों के विभाज, घूम रहे ब्रह्मांड और आकाशीय वस्तुओं के जन्म और अंत, बहुत ही सामान्य ज्यामिति के प्रभावों तथा जीवन की उत्पत्ति एवं महाद्वीपीय बहाव एवं सुपर महाद्वीप सिद्धांत को लेकर अपने विचारों के बारे में चर्चा की।

ई-लेक्चर डेढ़ घंटे तक जारी रहा। इसमें शामिल होने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों ने लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों के लाभ के लिए इस ई-व्याख्यान के संचालन पर खुशी और संतुष्टि जताई। उन्होंने संकाय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसआईटीआई की ओर से ऐसे और ई-व्याख्यान होंगे जो भूविज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होंगे।

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