न्यूज़ टैंक्स /लखनऊ/बिहार/ मुंबई
आजीविका का साधन तलाश रहे युवकों के साथ धोखाधड़ी के मामले अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। बड़ा सपना दिखाकर भोले- भाले नवयुवकों को ठगने का धंधा बहुत चरम पर है। अब यह धंधा सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुच चुका है। कुछ ऐसी ही घटनाएं मर्चेंट नेवी(Merchant navy) में जमकर हो रही हैं। जहां पर बड़े सपने दिखाकर लड़कों को ठगा जाता है और उन्हें मौत के मुह में ढकेल दिया जाता है।
समुंदर में जहाजी बेड़े के संचालन के लिए टेक्निकल टीम से लेकर क्रू मेंबर के रूप में बड़ी संख्या में प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की हर समय मांग रहती है, जो जहाज का संचालन, तकनीकी रखरखाव और यात्रियों को कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं। इसलिए मर्चेंट नेवी युवाओं के लिए आकर्षक करियर के रूप में खासा लोकप्रिय रहा है। लेकिन समय के साथ हुए बदलाव में अब यहां भी काम करना खतरे से खाली नही हैं, क्योंकि कई ऐसी कंपनियां अब मार्केट में आ गई हैं जो सिर्फ और सिर्फ नवयुवकों को ठगने का काम कर रही हैं। जमशेदपुर (टाटा) निवासी श्याम कुमार मिश्रा का बेटा सौरभ कुमार कुछ माह पहले मर्चेंट नेवी में जॉइन क़िया। एजेंट के द्वारा वह भारत से मलेशिया के सीबू पहुचा।
सौरभ की डिटेल :
Name : SAURABH KUMAR
INDOS : 18GL6368
Age :21
Rank : Oiler
RPSL Company : VIJETA MARINE SERVICES PRIVATE LIMITED
RPSL No : RPSL-MUM-1020
24 जुलाई 2020 को सौरभ के बुजुर्ग पिता श्याम कुमार ने जब फोन किया तो पता चला कि उनके बुढ़ापे का सहारा अब इस दुनिया से अलविदा कह चुका है। सौरभ के दोस्त ने फोन उठाया और बताया कि पैर फिसलने के कारण सौरभ समुंद्र में गिर गया है और तलाश जारी है। रहस्यमय हालात में सौरभ की मौत ने माता-पिता और भाई को झकझोर कर रख दिया। 26 जुलाई को रात 12 बजे के आसपास सौरभ की बॉडी मिली। मर्चेंट नेवी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जिस जगह पर यह हादसा हुआ वहां पर भारी जहाज लें जाने की अनुमति भी नहीं है। जिसके बाद भी बिना रोकटोक के आवागमन चालू है। 14 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक सौरभ का शव भारत नहीं आ सका है।
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लाइसेंस था सस्पेंड फिर भी कंपनी ने थमा दिया नियुक्ति पत्र
सूत्र बताते हैं कि यह कोई नई घटना नही है, इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं होती रही हैं।
मर्चेंट नेवी में जालसाजी का ऐसा भ्रष्टतंत्र की जिस कंपनी का RPSL लाइसेंस (Recruitment and Placement Services License) जहाजरानी मंत्रालय ने सस्पेंड कर रखा वह भी रिक्रूटमेंट कर के सरकार और जहाजरानी मंत्रालय के आंखों में धूल झोंक कर भोले-भाले नवयुवकों को सात समुंदर पार भेज देते हैं। सौरभ के पिता श्याम कुमार बताते हैं कि मुझे नहीं पता था यह कंपनी फ्रॉड है।जब वहां सौरभ पहुचा तब उसी किसी मलेशियन कंपनी में शिफ्ट कर दिया गया। विजेता मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Vijeta Marine Service Praivet Limited)
के द्वारा सौरभ गया था। बता दे की इस एजेंसी का लाइसेंस महानिदेशालय के अनुसार 01/10 /2019 को ही सस्पेंड हो गया था जबकि यह कंपनी पोर्टल पर सस्पेंड दिखा रही है। जानकारी के मुताबिक सस्पेंड होने के बाद भी यह लड़कों को शिप पर भेजती रही।
एक्सपर्ट की राय
जहाजरानी मंत्रालय को इसपर ध्यान देना चाहिए। क्योकि जबभी किसी को भेजा जाता है तो महानिदेशालय को सारा डेटा अपलोड करना होता है, अगर कोई लाइसेंस एक्सपायर हो गया है तो डेटा कैसे अपलोड करेगा! जबतक वह डेटा अपलोड नहीं करेगा तबतक उसको इमिग्रेशन क्लिरियन्स नहीं मिलेगा। अगर महानिदेशालय ने रद्द कर दिया है तो उसको पोर्टल से हटा देना चाहिए। ऐसी दशा में समन्वय की जरूरत है। ऐसा होना नही चाहिए था, जब लाइसेंस एक्सपायर हो गया तो कंपनी भेज नहीं सकती है। अगर ऐसी दशा में कोई लड़का जहाज पर पहुच जाता है तो गलती यही (भारत) से है। अगर उसने किसी अन्य कंपनी को दिया तो यह भी जानकारी डीजी शिपिंग को देनी चाहिए। ऐसी दशा में सख्त कदम उठाने की जरूरत है, वरना ऐसा हादसे होते रहेंगे।
क्या कहते है जिम्मेदार
वहीं डीजी शिपिंग अमिताभ कुमार ने बताया कि, जो भी लाइसेंस निरस्त होता है उसको पोर्टल पर डाल दिया जाता है।जिससे जानकारी सार्वजनिक हो सके। अगर ऐसा हुआ तो इसकी जांच की जाएगी।