न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ
लखनऊ: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने रविवार को भाजपा पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा वोट बैंक के लिए दलित को राष्ट्रपति बना सकती है, लेकिन रिम मंदिर के भूमि पूजन में महामहिम को शामिल नहीं कर सकती है। भाजपा दलित के घर प्रसाद भेजने की नौटंकी कर सकती हैं, मगर भूमि पूजन में दलित को नहीं बुला सकती है। उन्होंने सवाल किया कि अगर मुख्यमंत्री के साथ प्रधानमंत्री शामिल हो सकते हैं, तो राज्यपाल के साथ राष्ट्रपति क्यों नही शामिल हो सकते? क्या इसलिए की वो दलित हैं? अपने खिलाफ हुए एफआईआर पर संजय सिंह ने कहा कि योगी जी मेरे खिलाफ चोर दरवाजे से दिल्ली में एफआईआर क्यों करवाते हैं? हिम्मत है, तो लखनऊ में एफआईआर कराओ, जेल भेजो, लेकिन जवाब दो भूमि पूजन में राष्ट्रपति जी को क्यों नही बुलाया?
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि भाजपा में दलितों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखा जाता है। जब राष्ट्रपति का चुनाव हुआ, तो ढींढोरा पीट-पीट कर बताया गया कि हमने एक दलित को राष्ट्रपति पद पर बिठाया है, मगर जब भूमि पूजन की बात हुई, तो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को बुलाया जाता है, मगर महामहिम राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया। इसका यही अर्थ है कि दलित राष्ट्रपति बनाना इनकी राजनीति का हिस्सा मात्र है, भाजपा को दलितों से कोई लगाव नहीं हैं।
वही, संजय सिंह ने आगे कहा कि दलित के घर प्रसाद पहुंचाने की फोटो सिर्फ दिखावा है। आम जनता को बरगलाया जा रहा है। जब दलितों को भूमि पूजन में हिस्सा नहीं लेने दिया गया, तो दलित वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रसाद भेजने की नौटंकी क्यों कर रही है भाजपा? भाजपा हमेशा से ही दलित विरोधी रही है। उनके संगठन में दलितों को स्थान नहीं मिलता है। ये सर्वविदित है कि राष्ट्रपति का पद भी दलित वोट बैंक की रणनिति के चलते दिया गया है।
वही दिल्ली में अपने खिलाफ हुए एफआईआर पर संजय सिंह ने कहा कि योगी जी हजारों मुकदमे मेरे खिलाफ करवा सकते हैं। मैं उनसे डरने वाला नहीं हूँ, मगर एक बात समझना चाहता हूँ, क्या लखनऊ में मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की हिम्मत उनके अंदर नहीं थी या लखनऊ में मुकदमा दर्ज होने से उनके दलित विरोधी कृत्यों से पर्दा उठ जाएगा और प्रदेश की जनता को समझ आ जाएगा कि भाजपा का दलित प्रेम दिखावा मात्र है।
भाजपा के दलित विरोधी मानसिकता का शिकार होते रहे हैं पार्टी के दलित नेता – संजय सिंह
आगे उन्होंने कहा कि बहुत से दलित नेता आज तक भाजपा के दलित विरोधी मानसिकता का शिकार होते रहे हैं। भाजपा में उच्च पदों पर काबिलियत नहीं, जाति का चयन किया जाता है। आज तक देखा गया है कि भाजपा में कोई भी दलित नेता आगे नहीं बढ़ पाया है, जिसके चलते ही पहले दलितों ने भाजपा से किनारा कर लिया था।
उन्ही दलितों को पुनः बरगलाने के लिए ही राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार एक दलित को बनाया गया था, जिससे दलित जो की भाजपा के लिए मात्र वोट बैंक है, पुनः भाजपा के साथ आ सके, मगर भूमिपूजन के अवसर पर सभी उच्च पदों के व्यक्तियों को स्थान मिला, मगर देश के प्रथम नागरिक और देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान दलित महामहिम राष्ट्रपति जी को स्थान नहीं दिया गया। यह देश के सभी दलित भाइयों के लिए एक सन्देश है कि भाजपा दलितों की हितैषी ना पहले कभी थी, ना कभी हो सकती है। भाजपा सिर्फ दलितों को वोट बैंक समझ कर चुनाव के समय उसका लाभ लेती है।
मैंने दलितों की आवाज को बुलंद किया तो मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया – संजय सिंह
संजय सिंह ने कहा कि जब मैंने दलितों की आवाज को बुलंद किया, तो मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। मेरी बातों से भाजपा घबरा गई है। हजारों मुकदमे मैं अपने ऊपर लिखवा सकता हूं, मगर दलितों के खिलाफ चल रही साजिश को बर्दास्त नहीं कर सकता। दलितों को भी हक है मंदिरों में प्रवेश का, राम मंदिर के भूमि पूजन के ऐतिहासिक पल को देखने का, उस हक को मैं दलितों को दिलाना चाहता हूँ और मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, उस दलित विरोधी मानसिकता से है, जो आज भी दलितों का प्रवेश मंदिर में नहीं होना देना चाहते हैं।
इसे लेकर पूरे देश में दलित समाज में रोष है। दलित समाज के लोग पूछ रहे हैं – “क्या योगी जी हमें इतना तुछ समझते हैं कि हमें अपने बग़ल बिठा कर राम मंदिर का भूमि पूजन नहीं कर सकते?”
योगी जी को इसका जवाब देना ही होगा।
वही दिल्ली में हुए मुकदमे पर संजय सिंह ने कहा कि अगर लखनऊ में मेरे ऊपर मुकदमा होता है, तो शायद मेरी बात उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के दलितों तक न्यायलय की प्रक्रिया के दौरान पहुंच सकती थी। इसी के कारण भाजपा ने मेरे खिलाफ मुकदमा दिल्ली में किया, जिससे मेरी बात उत्तर प्रदेश के दलितों तक ना पहुंच सके। मेरी बातों को योगी सरकार दबाने की कोशिश कर रही है, मगर मैं नहीं डरने वाला हूँ। मैं घर-घर जा कर दलितों को मंदिर जाने के अधिकार के लिए एकजुट करूँगा और भाजपा की छलने वाली नीतियों को जन जन तक लेकर जाऊंगा।
नोट- यह विचार लेखक के है।