न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ
यूपी में फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देने वाले विशाल कपूर का आज जन्मदिन है। वह फिल्म विकास परिषद के पूर्व सदस्य रह चुके हैं। विशाल कपूर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई नैनीताल स्थित बिड़ला विद्या मंदिर से की, उन्होंने 1996 में उत्तरकाशी स्थित Nehru Institute of Mountaineering (NIM) में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण के बाद मुंबई में रंग मंच की ओर रुख किया।
उन्होंने बहुचर्चित नाटक “ताजमहल का टेंडर”, “मोटेराम का सय्ताग्रह”, “खराशे”, “कबीर खड़ा बाज़ार में” इत्यादि में महत्वपूर्ण भूमिकाएं अदा की हैं. 2001 में फेमिना मैगज़ीन ने उनको फ्रेशेर सेक्शन में फेस ऑफ़ मंथ की तरह पब्लिश किया।
विशाल पहाड़ों से लेकर रंगमंच और राजनीति का सफ़र उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है। राजनीति में आने के बाद भी विशाल ने उत्तर प्रदेश में भारतीय सिनेमा के विकास के लिए कई अच्छे कार्य किए तथा कई मौकों पर उन्होंने भारत और उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया है।
विशाल कपूर ने उत्तर प्रदेश में फिल्मों के विकास के लिए पचनदा, चित्रकूट इत्यादि को फिल्म के निर्माण तथा पर्यटन के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। फिल्म विकास परिषद के पूर्व सदस्य विशाल कपूर को यूपी में फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए पहले भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के सदस्य रहे विशाल कपूर को बीते पेरिस अप्रीसिएशन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। शहर के विशाल कपूर को यह अवॉर्ड फिल्मों को प्रोत्साहन और उनके जरिए रोजगार को बढ़ावा देने के लिए दिया गया। पेरिस अप्रीसिएशन अवॉर्ड यूरोपीय और विश्व व्यापार समुदाय में सफलता, नवीनता और नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है। हालांकि, हेल्थ इश्यू के चलते विशाल अवॉर्ड लेने नहीं जा सके, लेकिन अवॉर्ड मिलने पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि अच्छा लगता है जब आपके काम की सराहना होती है। विशाल शुरुआती दिनों में रंगमंच से भी जुड़े रहे हैं।
लखनऊ निवासी विशाल कपूर उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद् के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने कई मौकों पर प्रदेश का मान बढ़ाया है। लम्बे समय से भारतीय सिनेमा को प्रमोट कर रहे हैं। 2017 में ही पेरिस में आयोजित Paris Appreciation Awards में विशाल कपूर को फिल्मों के विकास, प्रोत्साहन तथा उनके ज़रिये रोज़गार सृजन के लिए पुरस्कृत किया गया है।