एनटी न्यूज़डेस्क/प्रयागराज
लखनऊ – आयुर्वेदाचार्य एवं कहानीकार सनातन मिश्र ने आयुर्वेद से एक सफल कहानीकार बनने तक के सफर का जिक्र करते हुए कहा जब वह कालेज में थे तब इन्हें कहानी लिखने का शौक चढ़ा और इन्होंने अपनी यात्राओं के दौरान प्लेटफार्म और रेलगाड़ियों के डब्बो में फ़ोन पर कहानी लिखने का प्रारम्भ कर दिया और कालेज के दूसरे ही वर्ष में इनका ‘मलंग’ नाम से पहला कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ जिसमें बारह कहानियों का लघु संग्रह था और उसमें मलंग अपने आप में विशेष था आनलाईन स्टोर अमेज़न पर इनकी पुस्तक ने तीन महीने तक बेस्ट सेलर ‘ का खिताब हासिल किया।
इन्होंने अपनी कार्यशालाओं का विस्तार किया
इस पर सनातन का कहना है कि उनका यायावरी का शौख ही उन्हें नए अनुभवों के करीब ले जाता है और नए अनुभव नई रचनाओ को जन्म देते हैं। अमिति यूनिवर्सिटी, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बीएचयू, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जैसी अनेक संस्थाओं में इन्होंने अपनी किस्सागोई और कार्यशालाओं से युवाओं के बीच अपनी छाप छोड़ी है साथ ही आकाशवाणी प्रयागराज केंद्र से इन्होंने अपनी कहानियों के ज़रिए रेडियो पर भी जगह बनाई और वर्ष 2019 में में इनका दूसरा कहानी संग्रह – ‘सस्ती किताब ; सस्ते लोगो के महँगे किस्से …’ पाठको के बीच खासा लोकप्रिय हुआ और ऑडियो बुक के सारे रिकॉर्ड टूट गए। भोपाल , दिल्ली , लखनऊ , बनारस जैसे 20 से अधिक शहरों में इन्होंने अपनी कार्यशालाओं का विस्तार किया।
फिर से अपनी लेखनी से ,रूबरू कराने को तैयार
लोगो के बीच ‘ हाफ डॉक्टर हाफ राइटर ‘ के नाम से मशहूर,अपनी सफलता का श्रेय अपने आसपास के लोगो को देते हैं जो निश्छल रूप से उनका साथ देते हैं और ठीक समय पर प्रसंशा एवम समीक्षा करके उन्हें सही रास्ता दिखाते हैं। आईआईटी दिल्ली में उन्हें 2019 में कर्मवीर चक्र बकुए मैडल से सम्मानित किया गया । हाल ही में यूट्यूब पर, उनकी कहानी -‘ दम आलू ‘ का वीडियो वायरल हुआ जिसे 30 हज़ार से ज्यादा लोग उन्हें देख चुके हैं। अक्टूबर के महीने मे सनातन मिश्रा अपने तीसरे लघु कहानी संग्रह के साथ पाठको के बीच फिर से अपनी लेखनी से ,रूबरू कराने को तैयार हैं।