न्यूज़ टैंक्स / लखनऊ
नई दिल्ली : पेट में अल्सर या पेप्टिक अल्सर (गैस्ट्रिक अल्सर) के लिए इस्तेमाल होनेवाली साधारण दवा के नतीजे कोरोना वायरस पर चौंकानेवाले सामने आए हैं। हांग कांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि Ranitidine Bismuth Citrate (RBC) नामी दवा कोरोना वायरस की नकल बनने की प्रक्रिया की रोकथाम में मददगार साबित हो सकती है।
क्या पेप्टिक अल्सर की दवा से होगा कोविड-19 का इलाज?
उन्होंने बताया कि जानवरों पर दवा के इस्तेमाल से कोरोना वायरस की नकल बनाने को रोका जा सका। नेचर माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक, RBC दवा कोविड-19 के इलाज में उतनी ही प्रभावी साबित हो सकती है जितनी रेमडेसिविर दवा और बहुत ही कम कीमत पर।
हांगकांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रनमिंग वान्ग ने बताया, “परीक्षण के दौरान RBC कोरोना वायरस से संक्रमित हेमेस्टर (चूहे के जैसा जानवर) के फेफड़े में वायरल लोड को कम कर सकी।” उन्होंने अपने परीक्षण के हवाले से माना कि RBC कोविड-19 के लिए संभावित एंटी वायरल एजेंट के तौर पर काम कर सकती है।
उन्होंने दावा किया कि RBC आसानी से मुहैया होनेवाली दवा है। इसका इस्तेमाल वर्षों से किया जाता रहा है और ये बिल्कुल सुरक्षित है। शोधकर्ताओं का कहना है कि RBC इंसानों और जानवरों के कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में वायरल लोड को एक हजार फीसद तक कम कर सकती है।
शोधकर्ताओं ने अमेरिका में पेटेंट कराने की कही बात
उन्होंने कहा कि मानव परीक्षण में इस्तेमाल होने के लिए दवा तैयार है। शोध करनेवाली टीम ने अमेरिका में पेटेंट के लिए आवेदन करने की बात कही है। जिससे RBC को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने बताया कि दवा की कीमत रेमडेसिविर की कीमत से 25 फीसद तक कम होगी। उनका कहना है कि ये प्रोटीन को निशाना बनाकर उसे बदलने नहीं देती। वरना कोशिकाएं खुद को बचा नहीं पाते।