अयोध्या में ट्रस्ट के नाम पर घोटाले से महासचिव चंपत राय का इनकार, कहा-राजनीति से प्रेरित हैं आरोप

राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। ट्रस्ट पर यह आरोप आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और पूर्व राज्य मंत्री पवन पांडेय ने लगाया है। भ्रष्टाचार के आरोप पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को ही सफाई देते हुए कहा जो आरोप लगे हैं उनकी मैं स्टडी करूंगा। वहीं देर रात उनकी तरफ से एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई।

हालांकि भ्रष्टाचार के आरोप पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। चंपत राय ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार कर रहे हैं वह भ्रामक है और समाज को गुमराह करने के लिए है। ये सारे ही आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

चंपत राय ने कहा कि जिस जमीन को लेकर चर्चा की जा रही है वह रेलवे स्टेशन के पास वह प्राइम लोकेशन है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अभी तक जितनी जमीन खरीदी है खुले बाजार की कीमत से बहुत कम दामों पर खरीदी है।

चंपत राय ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि 9 नवंबर, 2019 को श्री राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने की मांग बढ़ने लगी। देश के कई लोग जमीन खरीदने के लिए आने लगे। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के विकास के लिए जमीन खरीद रही है, इस कारण अयोध्या में जमीनों के दाम बढ़ गए। चंपत राय ने कहा कि वर्तमान विक्रेताओं ने सालों पहले जिस कीमत पर जमीन बेचने का समझौता किया था। उसी जमीन को ट्रस्ट ने मार्च 2021 में अपने नाम कराया है। इसके बाद ही ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट किया। आरोप लगाने का तो कई मतलब ही नहीं बनता।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है। सिंह ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी। यह सीधे-सीधे मनी लॉड्रिंग का मामला है ।आम आदमी पार्टी सरकार से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराने की मांग करती है।

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