प्रयागराज। बारिश के मौसम में बुखार में लापरवाही न बरतें डॉक्टर से सलाह जरुर लें। मानसूनी सर्दी बुखार खतरनाक रूप धारण कर सकता है। सबसे बेहतर यही है कि सतर्कता के साथ उपचार कराएं। जिससे नुकसान नहीं उठाना पड़े। अस्पताल में जाकर डॉक्टर की परामर्श से इलाज कराएं। जब तक स्वस्थ्य न हो जाएं, तब तक नियमित इलाज कराना ही बेहतर है। बारिश का समय तमाम तरह की बीमारियों को लेकर आता है। जैसे:- बुखार, खांसी जुकाम और कई तरह के संक्रमण सहित कई तरह की बीमारियां लोगों को घेर लेती हैं। इसलिए ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही नुकसान दे सकती हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिये हर वर्ष की तरह इस बार जिला चिकित्सालयों में दस बेड का डेंगू वार्ड तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पांच बेड का डेंगू वार्ड स्थापित कर आरक्षित किया जाना है। चिकित्सालयों में डेंगू मरीजों के लिये मच्छरदानी युक्त बेड व अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी जायेगी।
जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि डेंगू मलेरिया एवं अन्य संचारी रोगों के नियंत्रण के लिये अस्पतालों में फीवर हेल्प डेस्क बनाया जायेगा। फीवर हेल्प डेस्क में एक नर्स, फार्मासिस्ट तथा एक अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात रहेगा जो मरीजों का इलाज करेगा। उन्होंने बताया कि संचारी रोगों के रोकथाम के प्रचार के लिये गांवों में पंपलेट वितरित किये जा रहे है।
उन्होंने बताया कि जनपद के जिला चिकित्सालय मोती लाल नेहरु,स्वरुप रानी चिकित्सालय, टीबी सप्रू, जिला महिला चिकित्सालय, सरोजनी नायडू चिकित्सालय एवं समस्त सामुदायिक केंद्र पर पत्र के जरिये वार्ड स्थापना के लिए अवगत कराया गया हैं |
मेडिकेटेड मच्छरदानी डेल्टा मेथ्रिल सलूशन 2.5 रसायन का घोल बनाकर मच्छरदानी को इसमें डुबाया जाएगा। यह रसायन बाजार में भी उपलब्ध है। इसका घोल पानी में तैयार किया जाता है। इसके बारे में मलेरिया विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली जा सकती है। इस रसायन की खास बात है कि इसमें मच्छरदानी को डुबोने के बाद एक साल यह असर करता है। इस दौरान मच्छर आसपास भी नहीं फटकते। कई बार मच्छरदानी में छेद होने या कहीं से खुलने की वजह से मच्छर अंदर चले जाते हैं। दवा लगने के बाद इसकी संभावना नहीं रहेगी।