डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की शिक्षिका डॉ अलका सिंह मिशन शक्ति पुरस्कार से सम्मानित

लखनऊ : मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा मिशन शक्ति फेज १ तथा फेज २ में अलग अलग क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को मिशन शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी दिशा में डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ की शिक्षक डॉ अलका सिंह को उच्च शिक्षा श्रेणी के अंतर्गत मिशन शक्ति के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राज्य स्तरीय मिशन शक्ति पुरस्कार से नवाज़ा गया। डॉ अलका सिंह ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में अपने लेखन , भाषण और सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा व्यापक कार्य किया है। उनकी अंग्रेजी पुस्तक “कलर्स ऑफ़ ब्लड” मासिक धर्म संबधी जागरूकता पर एक सशक्त पाठ है , वहीँ उनकी पुस्तक “भाव संचार ” सांस्कृतिक मूल्यों एवं नारी विषयक मुद्दों पर केंद्रित है। उन्होंने मासिक धर्म , महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर केंद्रित शोधपत्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के केयर लिस्टेड जर्नल्स में प्रकाशित किया है , साथ ही उन्होंने महिला मुद्दों पर निरंतर कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया है और आयोजित करती रहीं है।

डॉ सिंह ने महिलासशक्तिकरण की दिशा में समाचार पत्रों , पाक्षिकों के लिए लेखन करने के साथ ही साथ रेडियो परिचर्चा इत्यादि द्वारा भी अपने प्रयास किये हैं। डॉ अलका सिंह , डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति समिति की सदस्य हैं। उन्हें महिला सशक्तिकरण की दिशा में पूर्व में भी विभिन्न संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं। वह अपना पुरस्कार डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय परिवार, मुख्य रूप से कुलपति प्रो सुबीर कुमार भटनागर एवं कुलसचिव श्री अनिल कुमार मिश्र को समर्पित करती हैं।

सम्मान एवं सशक्तिकरण की बात

डॉ सिंह का कहना है कि बालिका में सशक्तिकरण की दिशा परिवार के माहौल से ही निर्धारित हो जाती है। उन्होंने अपनी सशक्त सोच का कारक अपने पिता स्वर्गीय डॉ उदय भान सिंह, और अपनी माता श्रीमती भारती सिंह को बताया। वह कहती हैं हैं की महिलाओं के प्रति कार्य करने की प्रेरणा और शश्क्त कदम बनाने की योजना का श्रेय उनके पति प्रो आर पी सिंह को भी जाता है जो हमेशा महिला सम्मान एवं सशक्तिकरण की बात करते हैं। वह अपनी पुत्री आर्या सिंह को भी सशक्तिकरण के सम्यक पाठ पढ़ा रही हैं ।

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