कानपुर। मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन रविवार से एक बार फिर शुरू हुआ। जिले के सभी ग्रामीण व नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित स्वास्थ्य मेले में मरीजों की नि:शुल्क जाँच हुई और जरूरी दवाएं भी दी गईं।
रविवार को आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले के अन्तर्गत डी.टी.सी. गुजैनी में सुरेन्द्र मैथानी, विधायक गोविंद नगर ने स्वास्थ्य मेले का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकाल के साथ यह आयोजन हम दोबारा करने का प्रयास कर रहे हैं। कोरोना काल ने हमें यही सिखा दिया है कि स्वास्थ्य अब हमारी प्राथमिकता है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही हम सभी के लिए घातक होगी। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह तथा ए.सी.एम.ओ. व आर.सी.एच. के नोडल अधिकारी डॉ. एस.के.सिंह, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीनाक्षी सचान व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे । अन्य केन्द्रों पर भी जनप्रतिनिधियों ने मेले का उद्घाटन किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिले के 50 शहरी तथा 42 ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जा रहा है। मेला कराने का उद्देश्य स्पष्ट है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जाँच , उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों।
यू.पी.एच.सी. किदवई नगर में अपर निदेशक स्वास्थ्य, डॉ. जी.के. मिश्रा, यू.पी.एच.सी. जागेश्वर में किदवई नगर विधायक महेश त्रिवेदी, पी.एच.सी बिठूर में बिठूर से विधायक अभिजीत सिंह साँगा ने और नरवल में उद्योग मंत्री सतीश महाना के प्रतिनिधि सुरेश अवस्थी ने स्वास्थ्य मेले का उद्घाटन किया। अपर निदेशक ने लोगों से कहा कि सभी लोग सहयोगात्मक व्यवहार करें। इससे जाँच, उपचार और दवाओं आदि की सुविधा आसानी से मिल सकेगी।
मेला में मिलीं सुविधाएं –
मेले में 191 चिकित्सक तथा 391 पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा सेवाएं प्रदान की गई। मेलों में कुल 4648 लाभार्थियों का पंजीकरण करते हुए स्वास्थ्य परीक्षण व आवश्यक जाँच की गई और 35 मरीजों को रेफ़र किया गया। मेले में लीवर के 92, स्वास के 276, गैस्ट्रो के 396, डायबिटीज़ के 126, चर्म रोग के 894, एनीमिया के 125, हाइपरटेंशन के 97, कैंसर के एक मरीज़ की जाँच व परामर्श के साथ ही 314 गर्भवती महिलाओं की जाँच की गई । क्षय रोग के 17 मरीज़ खोजे गए और 326 लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाये गए । बच्चों में डायरिया एवं निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जाँच एवं उपचार की नि:शुल्क सेवाएं दी गई।