खुशखबरी : अनुदेशक की मुख्य परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन 18 जनवरी से

  • ऑनलाइन आवेदन को सबमिट करने और शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 8 फरवरी तक
  • आवेदन में संशोधन 15 फरवरी तक ही किये जा सकेंगे, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने जारी किया विज्ञापन
  • 2504 रिक्त पदों के लिए होगी परीक्षा, प्रारंभिक अर्हता परीक्षा में शामिल हो चुके हैं अभ्यर्थी ही ले सकेंगे अनुदेशक की मुख्य परीक्षा में भाग
  • यूपी के अभ्यर्थियों खासकर महिलाओं के लिए आरक्षण की विशेष व्यवस्था

लखनऊ।

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने अनुदेशक की मुख्य परीक्षा में भाग लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए आनलाइन आवेदन, शुल्क जमा करने और आवेदन में संशोधन की अंतिम तिथि घोषित कर दी है। अनुदेशक के कुल 2504 रिक्त पदों पर भर्ती की जानी है। आयोग की ओर से जारी विज्ञापन के अनुसार ऑनलाइन आवेदन और शुल्क को जमा करने की शुरूआत 18 जनवरी से होगी। जबकि ऑनलाइन आवेदन को सबमिट करने और शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 8 फरवरी तय की गई है और इस तिथि के बाद कोई आवेदन और फीस स्वीकार नहीं की जाएगी। आवेदन में संशोधन की अंतिम तिथि 15 फरवरी है।

अनुदेशक की मुख्य परीक्षा में केवल वही अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे जो प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (Priliminary Eligibilty Test-PET-2021) में शामिल हो चुके हैं और उन्हें आयोग द्वारा स्कोर कार्ड जारी किया गया है। अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट upsssc.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वेबसाइट के होमपेज पर Live Advertisement Segment में जाकर विज्ञापन को डाउनलोड कर सकते हैं साथ में आवेदन की प्रक्रिया में जाकर ऑनलाइन आवेदन भरने से संबंधित निर्देश भी पढ़ सकते हैं। वेबसाइट पर दिये गये निर्देश के अनुसार क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड , इंटरनेट बैंकिंग या फिर एसबीआई के ईचालान के माध्यम से अभ्यर्थी फीस जमा कर सकते हैं।

अनुदेशक के पद पर मुख्य परीक्षा में भाग लेने वाले उत्तर प्रदेश के आरक्षित श्रेणी के सभी अभ्यर्थियों को आवेदन में अपनी श्रेणी अंकित करनी होगी। एक से अधिक आरश्रित श्रेणी का दावा करने वाले अभ्यर्थियों को केवल एक छूट जो अधिक लाभकारी होगी वही दी जाएगी। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित, भूतपूर्व सैनिक और विकलांगजनों को जो उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी नही हैं उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा। ऐसे अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी के माने जाएंगे। उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति जैसी भी स्थिति हो की श्रेणी में आने वाले व्यक्ति के पुत्र तथा व स्वयं अथवा उनका परिवार सामान्यतया उत्तर प्रदेश में निवास करता होको ही आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। ऐसी महिला अभियर्थी का जाति प्रमाण पत्र जिसमें उसके उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आने वाले व्यक्ति की पत्नी होने का उल्लेख है वो मान्य नहीं होगा उसकी जगह उन्हें इस आरक्षण का लाभ उनके पिता पक्ष के आधार पर ही मान्य होगा।

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