योगी सरकार का बजट: इस बार ज्यादा जोर प्राथमिक शिक्षा सुधार पर

योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया है. जैसा कि पहले से ही कहा जा रहा था कि यह बजट युवाओं पर केन्द्रित होगा, ठीक उसी तरह हुआ भी है. योगी सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट 2018-19 में शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों के लिए बहुत सारे प्रावधान किए हैं. यह प्रावधान खासकर अल्पसंख्यक शिक्षा प्रणाली के लिए काफी असरदार साबित हो सकते हैं.

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क्या हैं शिक्षा क्षेत्र के लिए प्रावधान

इस बजट में प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए बेहद कदम उठाया गया है. सरकार ने हर स्तर पर शिक्षा में सुधार के लिए बजट प्रदान किया है. अब इस बजट के माध्यम से अरबी-फारसी मदरसों का भी कायाकल्प होगी.

योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट में प्राथमिक स्कूलों में बिजली, फर्नीचर और पानी के लिए 500 करोड़ रुपया रखा है.

इसके साथ ही अरबी व फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 404 करोड़ रुपए का बजट दिया है. इस बजट में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की कवायद की गई है.

सर्व शिक्षा अभियान के लिए 18 हजार करोड़ से ज्यादा की व्यवस्था की गई है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्कूलों के ढांचा को सुदृढ़ करने के साथ ही मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण पर भी खासा जोर दिया है.

योगी सरकार ने बजट में सर्व शिक्षा अभियान के लिए 18 हजार 167 करोड़ रुपए दिए हैं. इसके अलावा बजट में कक्षा 1 से 8 तक नि:शुल्क किताबों के लिए 76 करोड़ रुपए, यूनिफॉर्म के लिए 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

मिड डे मील के लिए 2 हजार 48 करोड़ रुपए तथा फल वितरण के लिए 167 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है.

अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए प्रस्ताव

इसके अलावा योगी आदित्यनाथ सरकार ने अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 404 करोड़ का बजट दिया है. वहीं अरबी पाठशालाओं को 486 करोड़ के अनुदान की व्यवस्था की गई.

इन सबके साथ ही मान्यता प्राप्त आलिया स्तर के 246 अरबी-फारसी मदरसों को अब अनुदान के लिए 215 करोड़ दिया है.

उच्चतर और माध्यमिक शिक्षा को भारी बजट

प्रदेश सरकार ने इस बार बजट में माध्यमिक शिक्षा अभियान में 480 करोड़ रुपए तथा दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल विद्यालय के मद में 26 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.

इसके साथ ही साथ राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के लिए 167 करोड़ रुपए दिए गए हैं. सरकार ने अहिल्याबाई नि:शुल्क शिक्षा योजना के लिए 21 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है.

वहीं महिला एवं बाल कल्याण के लिए आठ हजार 815 करोड़ रुपए, महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत ‘सबला योजना’ के लिए 351 करोड़ रुपए तथा बाल पुष्टाहार के लिए 3 हजार 780 करोड़ रुपए दिए हैं.

प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ का बजट पेश किया. यह पिछले साल की तुलना में 11.4 प्रतिशत ज्यादा है.

पिछले वर्ष 3.84 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था. यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है. बजट में 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है.

राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद 29.8 प्रतिशत अनुमानित है.