एनटी न्यूज़ डेस्क/ राजनीति
त्रिपुरा में 3 मार्च को आये विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद वहां हिंसा भड़क उठी है. इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ऐतिहासिक जीत के बाद वहां हिंसा ने उग्र रुप ले रखा है. त्रिपुरा में हिंसा के कारण लोगों में भय का माहौल है. वहां जिलों से ख़बरें आ रही हैं कि कई दुकानों में तोड़फोड़ और घरों में आग लगाया जा रहा है. वहां के वामपंथी स्मारकों को पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं.
खबरों के अनुसार भाजपा समर्थकों ने साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया तहसील में रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति पर बुलडोजर चला कर उसे तहस नहस कर दिया है. मूर्ति गिराने के दौरान लोग भारत माता की जय के नारे भी लगा रहे थे. ये मूर्ती पिछले पांच साल से यहां खड़ी थी. इस घटना के बाद त्रिपुरा वामपंथी दल और कैडर में काफी गुस्सा है.
क्या कहते हैं एसपी कमल चक्रवर्ती
जिले के एसपी कमल चक्रवर्ती के मुताबिक सोमवार को दोपहर 3.30 बजे के करीब बीजेपी समर्थकों ने इस घटना को अंजाम दिया.
उधर, सीपीएम का आरोप है कि बीजेपी और आईपीएफटी के कार्यकर्ता हिंसा पर उतारू हो गये हैं. सीपीएम का कहना है कि बीजेपी और आईपीएफटी कार्यकर्ता न सिर्फ वामपंथी पार्टी के दफ़्तरों को निशाना बना रहे हैं बल्कि उनके कार्यकर्ताओं पर भी हमले किए जा रहे हैं.
इधर ख़बर ये भी है कि लेफ़्ट पार्टी के कार्यकर्ता भी हमलों में शामिल हैं. सोमवार को भी दो जगहों से हिंसा की ख़बर है, जिसमें 3 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. कई थाना क्षेत्रों में धारा 144 भी लगाई गई है.
बुलडोज़र के ड्राइवर को गिरफ़्तार कर लिया गया
व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति गिराने के मामले में बुलडोज़र के ड्राइवर को गिरफ़्तार कर लिया गया है और बुलडोज़र को भी सीज़ कर लिया गया है.
वहां के स्थानीय न्यूज चैनल के अनुसार त्रिपुरा के एसपी कमल चक्रवर्ती (पुलिस कंट्रोल) ने जानकारी दी कि सोमवार दोपहर क़रीब 3.30 बजे बीजेपी समर्थकों ने बुलडोज़र की मदद से चौराहे पर लगी लेनिन की मूर्ति ढहा दी.
एसपी के मुताबिक बीजेपी समर्थकों ने बुलडोज़र ड्राइवर को शराब पिलाकर इस घटना को अंजाम दिया. फ़िलहाल पुलिस ने ड्राइवर को गिरफ़्तार कर लिया है और बुलडोजर को सीज़ कर दिया है.
In South Tripura’s Belonia, a statue of Lenin razed amid chants of ‘Bharat Mata Ki Jai’. This, less than 48 hours after the BJP stormed to power ending a 25-year-long Left rule.
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— The Indian Express (@IndianExpress) March 5, 2018
गृहमंत्री ने दिया सख्त निर्देश
हिंसा की खबरों के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के राज्यपाल और डीजीपी से बात की. राजनाथ सिंह ने नई सरकार के कामकाज संभालने तक राज्य में शांति सुनिश्चित करने को कहा.
एक अधिकारी ने बताया कि टेलीफोन पर हुई बातचीत में राज्यपाल तथागत राय और डीजीपी एके शुक्ला ने त्रिपुरा की स्थिति और यहां विधानसभा चुनाव में बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन की जीत के बाद भड़की हिंसा पर नियंत्रण के लिए उठाए गये कदमों से केन्द्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया.
जानिए कौन हैं लेनिन
व्लादिमीर इलीइच लेनिन का असली नाम ‘उल्यानोव’ था. लेनिन के पिता विद्यालयों के निरीक्षक थे. ग्रेजुएट होने के बाद भी लेनिन ने 1887 में कजान विश्वविद्यालय के विधि विभाग में एडमिशन लिया, लेकिन विद्यार्थियों के क्रांतिकारी प्रदर्शन में हिस्सा लेने के कारण विश्वविद्यालय ने निष्कासित कर दिया.
साल 1889 में उन्होंने स्थानीय मार्क्सवादियों का संगठन बनाया. उसके बाद उन्होंने वकालात शुरू की और मार्क्सवादियों के नेता बने.
अपनी क्रांति के दौरान उन्हें जेल में भी जाना पड़ा और उन्होंने कई किताबें भी लिखी. मार्क्सवादी विचारक लेनिन के नेतृत्व में 1917 में रूस की क्रांति हुई थी.
रूसी कम्युनिस्ट पार्टी (बोल्शेविक पार्टी) के संस्थापक लेनिन के मार्क्सवादी विचारों को ‘लेनिनवाद’ के नाम से जाना जाता है.
रूस के इतिहास में लेनिन का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है. यहां तक कि विश्व की राजनीति को उन्होंने एक नया रंग दिया. रूस को क्रांति का रास्ता दिखाकर सत्ता तक पहुंचाने में व्लादिमीर लेनिन का अहम योगदान था.
उस दौरान लोगों के दिल में विश्वयुद्ध को लेकर बहुत गुस्सा था. उसके बाद बोलशेविक खेमे के लोग सरकार के खिलाफ उतर आए.
धीरे-धीरे बोलशेविकों ने सरकारी इमारतों में कब्जा करना शुरू कर दिया. इस तरह से सत्ता में बोलशेविक काबिज हो गए.
ये रूसी क्रांति थी, जिसने रूस का भविष्य बदल दिया और बोलशेविक और व्लादिमीर लेनिन सत्ता में आए. और 7 नवम्बर, 1917 को लेनीन की अध्यक्षता में सोवियत सरकार बनी