हिंदी, तमिल, तेलगू सहित कई भाषाओं की फिल्मों की मशहूर अदाकारा श्रीदेवी का बीते दिनों दुबई के एक होटल में निधन हो गया था. काफी मशक्कत के बाद उनके पार्थिव शरीर को मुंबई स्थित आवास पर लाया गया था और उनका अंतिम संस्कार विले पारले स्थित शमशान घाट में किया गया था. श्रीदेवी के निधन ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इसी के साथ उत्तर प्रदेश में भी उनके लाखों फैन्स भी बेहद मायूस नज़र आये थे.
क्या है विवाद…?
बॉलीवुड अदाकारा के पार्थिव शरीर पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ को लपेटने को लेकर एक विवाद भी इस बीच शुरू हो गया.
दरअसल फिल्म अदाकारा श्रीदेवी के अंतिम संस्कार में राष्ट्रध्वज को ‘कफ़न’ बनाकर प्रयोग किये जाने पर लखनऊ के समाजिक कार्यकर्ता प्रताप चंद्रा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एफआईआर दर्ज कराने के लिए पत्र लिखा है.
क्या है प्रताप चंद्रा की शिकायत
सामजिक कार्यकर्ता प्रताप चंद्रा ने अपने शिकायत पत्र में लिखा है कि फिल्म अदाकारा श्रीदेवी का निधन हुआ और उनके फ्यूनरल में उनकी ‘डेड बॉडी’ पर सीधे टकराते हुए राष्ट्रध्वज में लपेटकर कफ़न बनाकर अपमानित किया गया.
उन्होंने लिखा है कि देश में किसी भी नागरिक की मृत्यु दुखदाई है लेकिन हमारे देश के राष्ट्रध्वज को ‘कफ़न’ बनाकर अपमानित नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि The Prevention of Insults to National Honour Act 1971- Explanation-4-d में स्पष्ट है कि मिलिट्री, पैरा मिलिट्री और स्टेट फ्यूनरल में ही तय मानक पर राष्ट्रध्वज का प्रयोग होगा. वह भी सैन्य अधिकारीयों द्वारा कोफीन बॉक्स पर, न कि डेड बाड़ी पर सीधे कफ़न बनाकर क्योंकि कोई भी कपड़ा यदि डेड बाड़ी पर सीधे सीधे डाला जाता है तो उसे कफ़न कहते हैं.
क्या कहते हैं प्रताप चंद्रा
प्रताप चंद्रा के मुताबिक, फिल्म अदाकारा श्रीदेवी के फ्यूनरल में उनके पार्थिव शरीर पर सीधे टकराते हुए राष्ट्रध्वज लपेटना राष्ट्रध्वज को कफ़न बनाकर अपमानित करना है.
प्रताप चन्द्रा नें बताया कि जिस राष्ट्रध्वज में लिपटने के लिए जवान देश की सीमाओं पर गोली खानें को तत्पर रहते हैं उसी राष्ट्रध्वज के अपमान की शिकायत करनें हेतु कई बार लखनऊ के आशियाना थाने पर जानें से भी दर्ज नहीं की गई.
उन्होंने कहा कि आज भी जब आशियाना थाने गया तो थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी प्राप्त करनें से मना कर दिया तभी क्षेत्राधिकारी महोदया भी आ गई. उनसे बताने पर उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारीयों से मिलिए वो ही मदद करेंगे.
बता दें कि श्रीदेवी के मामले में स्टेट आनर था. स्टेट फ्यूनरल और स्टेट आनर में फर्क है, स्टेट आनर तो कोई राज्य अपनें विवेकानुसार दे सकता है, परन्तु स्टेट फ्यूनरल राज्य सरकार के नहीं बल्कि केंद्र के अधीन होता है. इसीलिए अमूमन संवैधानिक पद पर रहनें वालों को ही दिया जाता है, जिसमें झंडा झुकाना भी शामिल है.