एनटी न्यूज़ डेस्क / लखनऊ / योगेन्द्र त्रिपाठी
याद करिए, प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का पहला भाषण जब वह गोरखपुर में अपराधियों और भ्रष्टाचारियों पर गरज रहे थे. उन्होंने उस भाषण में कहा था कि जहां भ्रष्टाचार का लेशमात्र अंश भी नहीं होगा, उसका नाम उत्तर प्रदेश होगा. जहां अपराध और अपराधी की कोई जगह नहीं होगी, उसका नाम उत्तर प्रदेश होगा.
भ्रष्टाचार के आरोप के चलते उत्तर प्रदेश के पूर्व कृषि निदेशक ज्ञान सिंह को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी. उनके बाद सोराज सिंह को नया कृषि निदेशक बनाया गया था, लेकिन अब उन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. कृषि निदेशक सोराज सिंह पर बुलन्दशहर के कृषि विद्यालय के प्रधानाचार्य को धमकाने का आरोप लगा है. सम्बंधित मामले का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
कृषि निदेशक सोराज सिंह पर आरोप
उत्तर प्रदेश के कृषि निदेशक सोराज सिंह पर भ्रष्टाचार और धमकाने का आरोप दर्शन सिंह राजपूत प्रधानाचार्य राजकीय कृषि विद्यालय बुलंदशहर ने लगाया है. उनका कहना है कि कृषि निदेशक ने अपने ख़ास अफसर शिशुपाल सिंह को चार्ज दिलवाना चाहा, लेकिन उनके ऐसा न करने पर मुख्यमंत्री का नाम लेकर निदेशक ने दर्शन सिंह को धमकाया.
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निदेशक के बोल-‘कौन माई का लाल’
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प्रधानाचार्य दर्शन सिंह का कहना है कि कृषि निदेशक सोराज सिंह ने लैंड लाइन नंबर 0522-22058686 से उन्हें मोबाइल नंबर 8299613904 पर कॉल करके धमकी दी. दर्शन सिंह का कहना है कि शिशुपाल सिंह को जिस पद पर कृषि निदेशक चार्ज दिलाना चाह रहे हैं उस पर माननीय उच्च न्यायालय ने स्टे प्रदान की हुई है.
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लोगों के बीच चर्चा तो यहाँ तक है कि अपर कृषि निदेशक प्रशासन आर एस कौशल के द्वारा एक आदेश भी कृषि निदेशक ने अपने दबाव में जारी कराया था. जबकि उस आदेश पर रमेश चंद्र नामक व्यक्ति ने स्टे लिया हुआ है.
इसके अतिरक्त दबी जुबान में इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि कृषि विभाग में तबादले का बहुत लंबा उद्योग चल रहा है. इसमें निदेशालय से लेकर शासन के अधिकारी भी शामिल बताये जा रहे हैं.
आपको बता दें कि ये वही सोराज सिंह हैं जो मायावती सरकार में संयुक्त निदेशक उर्वरक के पद पर तैनात थे. उस समय बड़े पैमाने पर खाद की कालाबाजारी अखबारों की सुर्खियां बनी थी. कुछ समय तक इसकी जांच तो चली लेकिन फिर मामला गोल कर दिया गया. इसके अलावा सोराज सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक मामला भी दबाये जाने की चर्चा है.
सोराज सिंह पर आरोप है कि वे मुख्य सचिव को अपना रिश्तेदार बताकर दबाव बनवाते हैं. इतना ही नहीं कभी-कभी वे मुख्यमंत्री के नाम पर भी फोन करके जिले के अधिकारियों को दबाव में लेते हैं और गलत काम करवाते हैं. जिन्हें कृषि विभाग में लाइसेंस बनवाना होता है उन्हें पता है कि रेट में अब कितना इजाफा हो चुका है.
इस मामले में जब सोराज सिंह से पत्रकारों ने बात करनी चाही तो बात करने से पहले ही वे उठ कर चले गए. इसके अलावा एक चैनल के कैमरामैन को हाथ से फोटो बनाने के लिए भी उन्होंने रोका.
चर्चा है कि सोराज सिंह खुद को जाटों का नेता भी बताते हैं. वे 2-4 क्षेत्र के नेताओं को ऑफिस में बैठा कर जिले के अधिकारियों को फोन करते हैं और कहते हैं कि ये मुख्यमंत्री के खास हैं इनसे बात करो. इससे कृषि विभाग के अफसरों में अंदर ही अंदर आक्रोश फैल रहा है.
हालांकि मामले में और अधिक जानकारी के लिए जब दर्शन सिंह को उनके मोबाइल नंबर पर कॉल की गई तो उनसे बात नहीं हो पाई.
यह खबर मनीष पाण्डेय, वरिष्ठ संवाददाता, समाचार प्लस के सहयोग से उपरोक्त साक्ष्यों के द्वारा लिखी गयी है