एनटी न्यूज़ डेस्क/ राजनीति
उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने विधायिकाओं की बिगड़ती कार्यप्रणाली को लेकर चिंता जताई और कहा कि इससे प्रतिनिधियों की विश्वसनीयता समाप्त हो रही है. नायडू ने कहा, “कार्यपालिका पर विधायकों की बढ़ती पकड़, सहूलियतों के लिए किसी का पक्ष लेना, आपराधिक रिकार्ड, निर्वाचित होने के बाद संपत्ति में वृद्धि, विधायिकाओं में बैनर और पोस्टर दिखाना, लगातार व्यवधान, उल्लंघन और चुनावी कदाचार निर्वाचित प्रतिनिधियों की विश्वसनीयता को समाप्त कर रहे हैं और संसदीय लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती पैदा कर रहे हैं.”
Legislatures are certainly no places for display of placard, banners, etc adding that Legislators cannot claim to be agents of development if they indulge in disruptions and demonstrations inside the legislatures. #NationalLegislatorsConference2018 #WeForDevelopment pic.twitter.com/Sb2WdVoO0O
— Vice-President of India (@VPIndia) March 11, 2018
नायडू भारतीय संसदीय समूह द्वारा आयोजित ‘वी फॉर डेवलपमेंट’ शीर्षक पर आधारित पहली नेशनल लेजिस्लेटर्स कांफ्रेंस के समापन सत्र में बोल रहे थे.
उप राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि सभी राजनीतिक दलों और लोगों पर जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि सही चाल-चरित्र वाला व्यक्ति निर्वाचित हो.
All political parties must extend their support to have a legislative enactment to increase womens political representation in these directly elected legislative bodies. #NationalLegislatorsConference2018 #WeForDevelopment pic.twitter.com/nTX21rYhtE
— Vice-President of India (@VPIndia) March 11, 2018
उन्होंने कहा, “विधायिका कोई बैनर और पोस्टर दिखाने की जगह नहीं है. अगर विधायिका में विधायक प्रदर्शन और व्यवधान में शामिल होते हैं तो उन्हें विकास का एजेंट होने का दावा नहीं करना चाहिए.”
नायडू ने कहा, “इन समस्याओं को हल करने के कई प्रयास किए गए, ऐसे प्रयासों की और जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संसद केवल वही व्यक्ति जाए जिसका सही रिकार्ड हो.”
Some systematic changes must be brought in to make agriculture sustainable. Climate change and Terrorism are big challenges before the nation. #AsianWrestlingChampionship #WeForDevelopment pic.twitter.com/feIhrBT11c
— Vice-President of India (@VPIndia) March 11, 2018
उन्होंने कहा कि संसद कोई लड़ाई का स्थल नहीं है और न ही ‘हम तुम्हें बाहर देख लेंगे’ जैसे धमकी भरे शब्द का प्रयोग करने की कोई जगह है.
नायडू ने कहा, “नारे लगाते हुए आपको (सांसदों को) बतौर प्रतिनिधि चुना गया है. लेकिन, नारे संसद के बाहर लगाए जाने चाहिए न की सदन के अंदर.”
one the centrality of legislatures in the countrys democratic set-up, and the other the accountability of the Government to the people through the representative legislatures. #NationalLegislatorsConference2018 #WeForDevelopment pic.twitter.com/djd6pnaMhG
— Vice-President of India (@VPIndia) March 11, 2018
राज्यसभा सभापति नायडू ने कहा कि लोकतंत्र एक ऐसा मंच है जहां लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए बातचीत कर समाधान निकाले जाते हैं. साथ ही उन्होंने निर्वाचित प्रतिनिधियों से टकराववादी दृष्टिकोण से निकलकर विधायिकाओं के कामकाज को प्रभावी व सक्षम बनाने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, “सत्ता और विपक्षी दल को जनहित में समायोजन की भावना से निर्देशित होना चाहिए.”