निर्यातकों की नगरी में इंजीनियर मंजू ने गो पालन को नई दिशा दी है. पशुपालन विभाग से प्रशिक्षण हासिल कर मात्र दो साल में उन्होंने डेयरी संचालन में अपनी अगल छवि बना ली है. प्रयोगात्मक तौर पर विशुद्ध साहीवाल नस्ल की एक गाय खरीद कर लाई थीं. अब डेयरी में गिर व राठी नस्ल की गायें भी हैं. छोटी सी डेयरी में अब 24 गायें (12 गाय 12 बछिया) हैं. उनका सफल गो पालन समाज की दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरक बनने लगा है.
उत्पाद बेचकर कमाती हैं बढ़िया पैसा
डेयरी के दूध की खपत तो पानीपत में ही हो जाती है. शुद्धता की वजह से 60 रुपये के बाजार भाव की जगह 70 रुपये कीमत देने में भी ग्राहक नहीं हिचकते. घी और गो मूत्र का अर्क दिल्ली के एशियाड विलेज स्थित आर्गेनिक मार्केट में हाथों हाथ बिकता है.
घी की कीमत 1500 रुपये किलो है तो तुलसी, गिलोय व गुलाब के सुंगध वाले 30 मिलीग्राम अर्क की कीमत 50 रुपये है. गुणवत्ता ने पहचान दी तो 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के चेयरमैन राजीव गुप्ता इस रोल मॉडल डेयरी को देखने पानीपत पहुंचे.
डेयरी में गोबर से बनने वाली खाद व बायो गैस की तकनीकी को भी बारीकी से देखा. दूध व यूरिन से बने हर्बल प्रोडक्ट की जानकारी ली. उत्तर प्रदेश की महिलाओं को भी इसी तरह गोपालन के लिए प्रेरित करने की बात करते हुए वह लौटे हैं.
गायों को देती हैं शुद्ध आहार
इस गोशाला की गायों को बाजार का चारा नहीं दिया जाता. साबूत बिनौला, सरसों, मक्का, सोयाबीन, कनक व दलिया को डेयरी के चाराघर की चक्की में पीसा जाता है.
आर्गेनिक खेती करने वाले किसान से प्राप्त गेहूं व तूड़े का ही इस्तेमाल किया जाता है.
ए-2 सर्टिफाइड दूध
नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसर्च सेंटर, करनाल से उन्होंने अपनी डेयरी के दूध को ए-2 सर्टिफाइड कराया है. ए-2 दूध का अर्थ होता है उस गाय के माता पिता दोनों एक ही नस्ल के हैं.
शोधों में प्रमाणित हुआ है कि ए-2 दूध सुपाच्य और कैंसर जैसे बीमारियों से लड़ने में ए-2 मिल्क कारगर है.
बछिया के मूत्र से आई ड्रॉप
बछिया के 20 लीटर यूरिन से छह-सात लीटर अर्क तैयार होता है. इससे आई ड्रॉप तैयार होता है.
डॉक्टरी सलाह से इसका सेवन ब्लॉकेज को भी ठीक करने में काम आता है. डिस्टिलेशन विधि से गो मूत्र का अर्क बनाया जाता है. गोमूत्र से फिनाइल भी तैयार कर रही हैं.