एनटी न्यूज़ डेस्क/ तीज-त्योहार
अधिक मास के कारण इस बार तीज-त्योहार पिछले साल की अपेक्षा 17 से 19 दिन तक देरी से आएंगे. ज्येष्ठ अधिक मास 19 साल बाद आ रहा है. 1999 में ज्येष्ठ मास में अधिक मास आया था. अगली बार 2037 में पुन: ज्येष्ठ अधिक मास आएगा.
कई महीनों बाद आता है यह साल
पंडितों के अनुसार करीब तीन साल (32 माह, 16 दिन और चार घड़ी) के अंतर से अधिक मास आता है.
साल 2015 में आषाढ़ माह में अधिक मास आया था. उसके बाद अब 2018 में आ रहा है. अधिक मास में प्रतिष्ठा कर्म, विवाह आदि मंगल कार्य वर्जित है.
व्रत, दान, उपवास, पारायण आदि कार्य का अक्षय पुण्य मिलता है.
32 महीने और 16 दिन में आता है अधिक मास
पंडितों के अनुसार सौर मास 365 दिन का होता है, जबकि चांद्रमास 354 दिन का. इस अंतर को पूरा करने के लिए हमारे धर्मशास्त्रों में अधिक मास की व्यवस्था की गई है.
यह 32 माह, 16 दिन और चार घड़ी के अंतर से आता है. धर्मशास्त्र, ज्योतिर्विज्ञान की मान्यता है कि जिस महीने में सूर्य की संक्रांति नहीं होती है, वह मास अधिक मास के नाम से जाना जाता है.
यह महत्वपूर्ण है आपके लिए
- इस बार ज्येष्ठ मास में अधिक मास (पुरुषोत्तम मास) है. यह 16 मई से 13 जून तक रहेगा.
- 19 साल बाद ज्येष्ठ माह में आ रहा है अधिकमास, 16 मई से 13 जून तक प्रतिष्ठा कर्म, विवाह आदि मंगल कार्य वर्जित रहेंगे.
- पिछली बार वर्ष 1999 में आया था, अब ऐसा अवसर 19 साल बाद 2037 में आएगा
- ज्येष्ठ मास में कब-कब आया अधिक मास : 1981, 1999. इस साल 2018 में फिर 2037 में आएगा.
- 2015 में आषाढ़ में अधिक मास आया था. इस बार के बाद तीन साल बाद आश्विन मास में अधिक मास आएगा.