राज्यसभा चुनाव: नौवीं सीट कैसे जीत सकती है भाजपा, यहाँ समझिए गणित

एनटी न्यूज़ डेस्क/ राज्यसभा चुनाव

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों पर शुक्रवार को होने जा रहे चुनाव में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच शह-मात का खेल अंतिम दौर में पहुंच चुका है. कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनाव में भाजपा की आठ और सपा की एक सीट पर जीच पक्की मानी जा रही है पर, भाजपा के नौवें उम्मीदवार और सपा, कांग्रेस और रालोद समर्थित बसपा प्रत्याशी के बीच मुकाबला फंस गया है. इसी सीट के लिए सरकार और विपक्ष की परीक्षा भी होनी है.

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नौवीं सीट पर जीत के लिए सब कुछ करेगी

नौवीं सीट पर जीत के लिए दोनों तरफ से साम, दाम, दंड और भेद अपनाए जा रहे हैं लेकिन, सर्वाधिक निर्णायक भूमिका में निर्दलीय रघुराज प्रताप सिंह और उनके सहयोगी विनोद सरोज हैं और क्रास वोटिंग का भी अंदेशा बढ़ा हुआ है.

गुरुवार को बैठक और भोज के जरिये विधायकों को सहेजने में सत्ता और विपक्ष ने तेजी दिखाई लेकिन, एक दिन पहले ही लखनऊ के ताज होटल में आयोजित सपा के कार्यक्रम में निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया और विनोद सरोज के पहुंचने से पूरे समीकरण बदल गए.

‘राजा भैया’ पहले दे चुके भाजपा का साथ

रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के बुलावे पर उनके आयोजन में गए और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ कदमताल करते नजर आए. इससे उनके वोट का दावा करने वाली भाजपा को झटका लगा है.

राष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा गठबंधन के साथ खड़े हो चुके रघुराज प्रताप सिंह और उनके सहयोगी के इस कदम से जीत-हार के समीकरण बदल गए हैं.

सपा से जीते विधायक नितिन अग्रवाल, निर्दलीय अमनमणि त्रिपाठी और निषाद दल के विजय मिश्र भाजपा के पाले में हैं. इन तीनों ने भाजपा के पक्ष में मतदान का एलान कर दिया है.

ये है भाजपा के तरफ का गणित

भाजपा से वित्त मंत्री अरुण जेटली, अशोक वाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, हरनाथ सिंह यादव उम्मीदवार हैं.

नौवें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल हैं. सपा की जया बच्चन व विपक्ष समर्थित बसपा उम्मीदवार भीम राव अंबेडकर मैदान में है.

भाजपा के पास 311, अपना दल (एस) के नौ, सुभासपा के चार विधायक (कुल 324) हैं. सपा के पास 46 (नितिन अग्रवाल को छोड़कर), बसपा 19, कांग्रेस सात, निर्दलीय तीन, निषाद के पास एक और रालोद के पास एक विधायक हैं.

एक उम्मीदवार को जीत के लिए 37 विधायकों के मत की जरूरत है. भाजपा के आठ उम्मीदवारों को 37-37 विधायक आवंटित करने के बाद 28 वोट बच रहे हैं.

कैसे जीतेंगे अपनी नौंवी सीट

उधर, जया बच्चन को आवंटन के बाद सपा के नौ, बसपा के 19, कांग्रेस के सात व रालोद के एक विधायक का मत शेष है पर, जेल से मुख्तार अंसारी व हरिओम यादव के न आने की स्थिति में सपा-बसपा के दो विधायक घट रहे हैं.

भाजपा के पास नौवें प्रत्याशी के लिए बचे 28 के अलावा अमन मणि, विजय मिश्र तथा सपा के नितिन अग्रवाल का मत है. फिर भी भाजपा को छह विधायकों की जरूरत होगी.

बसपा के पास कांग्रेस, सपा व रालोद को मिलाकर 35 विधायक हो रहे हैं. अभी सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों को जीत के लिए पर्याप्त विधायक नहीं जुट पा रहे हैं.

इस स्थिति में क्रास वोटिंग या फिर द्वितीय वरीयता के मत से जीत तय होगी. यह हालात दोनों तरफ हो सकती है क्योंकि ऐसा खेल करने में सब जुटे हैं.

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