अंतरिक्ष यात्रियों का हर मिशन चुनौतियों से भरा होता है. अच्छा और पौष्टिक आहार ही उन्हें ऊर्जा देता है, जिसके दम पर वे धरती से बाहर तमाम शोध और खोज कर पाते हैं. अंतरिक्ष यात्रियों को और भी पौष्टिक आहार मिल सके इसके लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अहम कदम उठाया है. उसने घरों में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के कंटेनर बनाने वाली कंपनी टपरवेयर से हाथ मिलाया है. इसके चलते कंपनी अब अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में ताजा आहार मुहैया कराने में मदद करेगी.
नासा के अंतरिक्षयात्री वर्ष 2015 से अपने सप्लीमेंट के साथ वेजिटेबल प्रोडक्शन सिस्टम (वेजी) के जरिये अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में उगाई सब्जियां भी लेते हैं. अंतरिक्ष में पौधों को उगाने के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन्हें पर्याप्त मात्र में पानी देना है.
ये थी सबसे बड़ी समस्या…
नासा ने एक बयान में कहा कि एयरटाइट कंटेनर बनाने वाली कंपनी टपरवेयर ने अंतरिक्ष में पौधों को पानी देने का एक नया तरीका निकाला है. वेजी सिस्टम में अंतरिक्ष यात्रियों को प्रत्येक प्लांट पिलो में सीरिंज से पानी भरना पड़ता है. प्लांट पिलो एक प्रकार की थैली होती है, जिसके भीतर कई पौधे होते हैं.
वेजी प्रणाली का प्रयोग करके पहले जो पौधे अंतरिक्ष में उगाए गए, उनमें से सबका समान रूप से नहीं हो पा रहा था क्योंकि सभी पौधों को बराबर मात्र में पानी और ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी.
क्या कहना है शोधकर्ताओं का…
फ्लोरिडा के नासा कैनेडी स्पेस सेंटर के वेजी प्रोजेक्ट मैनेजर निकोल डूफोर के मुताबिक, पौधे विकसित करने की इस नई पद्धति द पैसिव ऑर्बिटल न्यूटियेंट डिलीवरी सिस्टम (पॉन्डस) का मुख्य काम पौधे की सामान वृद्धि सुनिश्चित करना है.
नासा के शोधकर्ता हॉवर्ड लेवीन ने 2017 की शुरुआत में पीओएनडीएस का डिजाइन और प्रोटोटाइप तैयार किया था. इसके बाद इसे अंतरिक्ष उड़ानों से संबंधित निजी कंपनी टेकशॉट को और सुधार करने के लिए दे दिया गया. टेकशॉट ने कंटेनर कंपनी के साथ मिलकर एक नई प्रणालि तैयार की, जो प्लांट पिलो विकल्प होगी.
पॉन्डस यूनिट की खासियत
पॉन्डस यूनिट को इस तरह तैयार किया गया है कि यह पानी के छिड़काव, मौजूद ऑक्सीजन को बढ़ाने और जड़ों को फैलने के लिए जरूरी माहौल बनाने के लिए अंतरिक्ष यान के बेहद हल्के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव को धीमा कर देगी.
पॉन्डस सिस्टम में अंतररष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के क्रू को ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी. साथ ही आहार ज्यादा पौष्टिक होगा.