कुशीनगर हादसा : 13 मासूमों की मौत का गुनाहगार कौन है ?

एनटी न्यूज डेस्क /लखनऊ 

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक भीषण हादसे ने 13 मासूमों की ज़िंदगी छीन ली । विशुनपुरा के दुदही में मानव रहित क्रॉसिंग पर एक स्कूल वैन पैसेंजर ट्रेन से टकरा गयी, जिसके चलते ये हादसा हो गया ।
मासूमों की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और सदमे में हैं । सरकार ने इस हादसे के बाद मुआवजे का ऐलान जरूर किया है लेकिन ये मुआवजा नौनिहालों की ज़िंदगी तो वापस नहीं ला सकता ?
प्रदेश में इस तरह का ये पहला हादसा नहीं है । इससे पहले भी कई हादसे हो चुके हैं लेकिन आखिर सरकारें और रेलवे कब तक हादसों को लेकर लापरवाह रहेंगे, ये सवाल उठाना लाज़मी है ?
आखिर इन मौतों का गुनाहगार कौन है ?
सरकार और रेलवे के खिलाफ ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर कब तक इन हादसों में जाती रहेंगी लोगों की जान…

दो साल पहले हो चुका है हादसा 

करीब दो साल पहले ऐसा ही हादसा उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में हुआ था । जिसमें एक मानव रहित क्रॉसिंग पर स्कूल वैन की ट्रेन से टक्कर हो गई थी । इस हादसे में भी 13 बच्चों की मौत हुई थी । हादसा भदोही में मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन और एक निजी स्कूल की मिनी वैन से टक्कर के बाद हुआ था । जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने वैन में आग लगा दी थी.

भारत में तेजी से बढे ट्रेन हादसे 

पिछले कुछ सालों में भारत में ट्रेन हादसे तेजी से बढ़े हैं । 2016-17 में हुये रेल हादसों में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई। ज्यादातर हादसे ट्रेन के पटरी से उतरने और मानव रहित क्रॉसिंगों के कारण हुए।

मानव रहित क्रॉसिंग पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए नॉर्थ सेंट्रल रेलवे ने 79 मानव रहित क्रॉसिंग पर 189 गेट मित्र भी तैनात किए हैं.

 लेकिन हादसों में कमी अभी भी देखने को नहीं मिल रही है. जीआरपी आगरा डिविजन में 2016 से 2017 नवंबर तक 282 लोगों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई है. हालांकि इसमें सभी मौतें क्रॉसिंग पर नहीं हुई हैं, कुछ रेलवे ट्रैक पर हुईं, तो कुछ मामले खुदकुशी के भी हैं.
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