एनटी न्यूज़ डेस्क/ अमेठी/हंशराज सिंह
अमेठी के शाहगढ़ ब्लाक स्थित टंडवा गांव के दलित ग्राम प्रधान की हत्या के मामले में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के प्रदर्शन ने आज उग्र रूप ले लिया। धरना स्थल से टेंट को उखाड़े जाने से नाराज ग्रामीण और प्रशासन में जमकर झङप हुई। हालाँकि घंटो बाद एसङीएम के हस्तक्षेप से मामले को शांत किया गया, जिसके बाद परिजनों समेत ग्रामीण और विधायक धरने पर बैठे।
दलित प्रधान हत्याकांड…
दरअसल 15 जनवरी को टंडवा गांव के युवा दलित ग्राम प्रधान सुनील कोरी की गांव के ही बाहर निर्मम तरीके से काटकर हत्या कर दी गई। दलित ग्राम प्रधान की हत्या से नाराज पांच सूत्री मांगों को लेकर परिजन स्थानीय सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह की अगुवाई में पिछले 11 दिनों से शासन प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठै है.
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इसी मामले को लेकर आज 12″वे दिन विधायक के छोटे भाई उमेश प्रताप सिंह की अगुवाई में हजारों की संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने पहुचे इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर मे मृतक प्रधान की फोटो जमीन पर पङी मिली, साथ ही धरना स्थल पर बिछी दरी भी गायब थी और टेंट भी उखाड़ दिया गया था.
प्रशासन ने कलेक्ट्रेट गेट पर ही परिजनो के साथ मौजूद परिजनों व धरने मे शामिल होने आये लोगों को रोक लिया जिसके बाद विवाद बढ़ने लगा।परिजनो के साथ विधायक के भाई शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. जहाँ पहले से ही कलेक्ट्रेट मे तैनात पुलिस से झड़प शुरू हो गई।मामला बढता देख गौरीगंज उपजिलाआधिकारी वा सीओ पीयूषकान्त राय ने मौके पर पहुच कर घंटो बाद मामले को शान्त कराया जिसके बाद परिजन सहित हजारो की संख्या में ग्रामीण धरने पर बैठे।
शांतिपूर्ण था धरना…
वहीं स्थानीय विधायक के भाई की माने तो मृतक की पत्नी, माँ और बहन के साथ कई ग्रामीण धरने के लिए पहुँचे तो देखा कि मृतक की फ़ोटो फेंकी हुई थी.
साथ टेंट को उखाड़ कर दरी को भी फेक दिया गया था।हम लोगो का धरना शांति पूर्वक चल रहा है और प्रसाशन किसी के दवाब में प्रदर्शन को समाप्त करना चाहता है।जब तक हम लोगों की मांगें पूरी नही होगी तब तक धरना चलता रहेगा।