एनटी न्यूज / बाराबंकी / राजी सिद्दीकी
जिला महिला अस्पताल में अमानवीय रवैये के चलते एक जच्चा-बच्चा के मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ को प्रसूता की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि गार्ड ने अस्पताल का गेट नहीं खोला, जिसके चलते उनकी लड़की को समय पर इलाज नहीं मिल सका। वहीं अस्पताल की डॉक्टर ने परिजनों के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
ये है पूरी घटना
बाराबंकी के जिला महिला अस्पताल से एक ऐसी ही अमानवीय तस्वीर सामने आई है, जहां आज स्टाफ की लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वह बाराबंकी के मोहम्मदपुर से अपनी गर्भवती लड़की का प्रसव कराने के लिए जिला महिला अस्पताल आए थे, लेकिन यहां गेट पर बैठे गार्ड ने दरवाजा नहीं खोला और हमसे बहस करने लगा। जब हम लोगों ने उससे डॉक्टर को इलाज के लिए बुलाने के लिए कहा तो उन्होंने हमारे साथ मारपीट की।
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पीड़िता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर किया हंगामा
लड़की की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से कार्रवाई की मांग की। इस दौरान आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के गार्ड की भी जमकर पिटाई कर दी।
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डॉक्टर ने परिजनों के आरोपों को बताया बेबुनियाद
वहीं महिला अस्पताल की डॉक्टर परिजनों के सारे आरोपों को नकार रहे हैं। उनका कहना है कि इनकी लड़की यहां लाने से पहले ही मर चुकी थी। डॉक्टर ने बताया कि जब ये लोग अपनी गर्भवती लड़की को अस्पताल लेकर आए तो गार्ड ने हमें सूचना दी। जिसके बाद मैंने तत्काल बाहर ही जाकर महिला की जांच की। लेकिन महिला की यहां आने से पहले ही मौत हो चुकी थी। डॉक्टर ने बताया कि लड़की के परिजन जो आरोप लगा रहे हैं वो सब गलत और निराधार हैं।
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संपादनः अंशुल चौहान