Thursday , 28 March 2024

चीन ने ताइवान की सीमा में भेजे 18 लड़ाकू विमान, अमेरिका ने दी धमकी

न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ

चीन ने ताइवान की सीमा में 18 लड़ाकू विमान भेजे हैं जिसके बाद अ​मेरिका ने उसको धमकी दी है। इस समय चाइना पीपल्स लिबरेशन आर्मी, ताइवान स्ट्रेट में युद्धाभ्यास कर रही है। अमेरिकी दूत कैथ क्रैच इस समय दो दिवसीय दौरे पर ताइवान में हैं। ऐसे समय में चीन ने ताइवान स्ट्रेट में 18 युद्धक विमान उड़ाकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया।

आइलैंड्स की डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि चाइना ईस्टर्न थियेटर कमांड के 16 फाइटर जेट और 2 बॉम्बर्स विमानों ने ताइवान की वायु रक्षा सीमा को शुक्रवार को क्रॉस किया है। ताइवान की वायुसीमा में घुसने वाले दो बॉम्बर्स विमान एच-6 हैं जबकि इसमें 8 फाइटर्स विमान जे-16, 4 विमान जे-11 और 4 फाइटर्स विमान जे-10 हैं।

हाल ही में चीन ने अपने दो एंटी-सबमरीन फाइटर जेट्स अपने एक पड़ोसी देश की वायुसीमा में उड़ाए। जब उस देश की वायुसेना ने उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दी तो चीन के फाइटर जेट्स दुम दबाकर वापस लौट गए। यह घटना ऐसे मौके पर हुई जब उस छोटे से देश में अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी आने वाले थे।

इससे पहले बुधवार को चीन के दो एंटी-सबमरीन फाइटर जेट्स ताइवान की वायु सीमा में प्रवेश कर गए थे। तत्काल ताइवानी वायुसेना और रक्षा मंत्रालय ने चीनी वायुसेना के फाइटर जेट्स को कहा कि तत्काल वापस जाओ नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ। इसके बाद चीनी वायुसेना के दोनों फाइटर जेट्स तेजी से वापस भाग गए थे।

चीन अक्सर ताइवान की वायु और जल सीमा में घुसपैठ की कोशिश करता रहता है। इस बात को लेकर ताइवान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिकायत भी की है। पिछले हफ्ते ताइवान और चीन दोनों ही देशों ने अपनी-अपनी समुद्री सीमा में सैन्य युद्धाभ्यास किया था।

चीन का दावा है कि ताइवान के कुछ द्वीप उसकी टेरीटरी में आते हैं। जबकि, ताइवान कहता है कि ये द्वीप उसके हैं। हान-कुआंग ताइवान की सेना का सालाना युद्धाभ्यास है। इसमें ताइवान की तीनों सेनाएं अपनी ताकत और अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन करते हैं।

ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन इस साल जनवरी में चुनकर सत्ता में आए हैं। उन्होंने आते ही कहा था कि वे चीन के आगे कभी नहीं झुकेंगे। ताइवान की सेना के पास ज्यादातर हथियार अमेरिकी है। ताइवान के सैनिकों की ट्रेनिंग भी अमेरिकी सेना करती है। हालांकि, चीन के पास ज्यादा हथियार और सैनिक हैं लेकिन ताइवान चीन की ताकत से कभी भी डरा नहीं।