एनटी न्यूज डेस्क/ लखनऊ
कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह बजट सिर्फ पिछले दो बजटों की तरह झूठ व जुमलों की चाशनी से डुबोया गया है। इसमें न तो किसानों, न बेरोजगारों के लिए और न तो कानून व्यवस्था के लिए कोई कारगर उपाय किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार का बजट केन्द्र सरकार के चुनावी बजट की फोटोकापी है और अधिकांश योजनाओं में पिछले दो बजटों में सरकार गढ्ढा मुक्ति की बात करती है, परन्तु यातायात निदेशालय के अनुसार गढ्ढों की वजह से प्रदेश में 2273 मौते हो चुकी हैं और 4285 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले बजट (2018) में स्वच्छता का टारगेट रखा था परन्तु इस बजट में भी उसी की पुनरावृत्ति की गयी है, सरकार ने इन्वेस्टर समिट के माध्यम से बड़े-2 दावे किये थे कहा गया था कि विकास और रोजगार के हजारों अवसर उपलब्ध होंगे परन्तु इन्वेस्टर समिट में करोड़ो रूपये खर्च करने के बावजूद धरातल पर कहीं भी कोई काम होता दिख नहीं रहा है।
दीपक सिंह ने कहा कि परन्तु इन्वेस्टर समिट के माध्यम से पृथ्वी पर न कोई एक रोजगार मिला और न ही एक ईट रखी गई अगर मंगल ग्रह पर रखी गई हो तो पता नहीं, मंगल ग्रह पर कोई विकास या रोजगार दिया गया हो। अपितु कई भ्रष्टाचार की बातें सुनने को आई।
कांग्रेस एमएलसी ने कहा कि योगी सरकार ने पुलिस के कन्धे पर बन्दूक रखकर बहुत सारे ठाँय-2 किये लेकिन पिछले बजट के दावे पर कोई सुधार नहीं हुआ। सरकार के हर बजट में किसानों की आय बढ़ाने की बात की गई है परन्तु सरकार ने इसी सत्र में माना है कि किसानों का लागत मूल्य और कृषि विभाग का लागत मूल्य के लगभग बराबर ही किसान पैदावार कर पाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा के मामले में जो बातें पिछले बजट में कही थी, वही आज भी दोहराया है। सरकार ने विकास के जो दिव्य स्वप्न दिखाएं हैं। उसके 77640 करोड़ रूपये का विकास जीएसटी के वसूले गये टैक्स से कराने को दिखाती है। अवारा पशुओं से किसानों की फसलों की सुऱक्षा के लिए पिछले वर्ष 98 करोड़ का बजट था इस बार 650 करोड़ के बजट प्रावधान किया गया है और 98 करोड़ का बजट में पिछली बार सरकार द्वारा कोई भी कार्य जमीन पर नहीं दिख रहा है।