Friday , 19 April 2024

डॉ रमन सिंह और संबित पात्रा को टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

टूलकिट मामले में डॉ रमन सिंह और संबित पात्रा को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने टूलकिट मामले की जांच और कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस अब टूलकिट मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगी.

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के रायपुर के सिविल लाइन थाने में संबित पात्रा और डॉ रमन सिंह के खिलाफ गैरजमानती धाराओं में मामला दर्ज है. इन पर आरोप है कि इन्होंने कांग्रेस का फर्जी लेटर पैड ट्वीट किया है. इस मामले के दर्ज होने के बाद संबित पात्रा और डॉ रमन सिंह ने राजनीतिक पूर्वाग्रह से एफआईआर दर्ज करवाने का आरोप लगाया था. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 4 हफ्ते के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है. इसी मामले में जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी और वीएल संतोष पर भी प्रदेश के अलग-अलग थानों में 52 एफआईआर दर्ज है.

सोमवार सुबह को रमन सिंह जहां इस मामले में गिरफ्तारी देने के लिए सिविल लाइन थाने पहुंच गए, वहीं दोपहर बाद पुलिस ने पूर्व सीएम के आवास पर पहुंच कर उनसे इस मामले में पूछताछ की है. बता दें कि रमन सिंह को थाने में नहीं घुसने दिया गया था. इस पर रमन सिंह पार्टी के कुछ अन्‍य नेताओं के साथ पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए थे.

गौरतलब है कि कोरोना टूलकिट मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह और बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ रायपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों नेताओं को नोटिस भेजा था. इस बाबत रमन सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के ऊपर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने टूलकिट के जरिये पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा और देश को बदनाम करने की साजिश रची. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कहने पर छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं पर एफआईआर की गई. ये एफआईआर सिविल लाइन थाने से नहीं, बल्कि कांग्रेस कार्यालय से हुई है.