वीडियो : पेयजल संकट इतना कि पुलिस कर्मी चौकी छोड़ भागे, बच्चों ने बनाया ‘चोर-पुलिस खेल’ का अड्डा

एनटी न्यूज़ डेस्क / जालौन / जितेन्द्र सोनी

बुंदेलखंड में पेयजल संकट दूर करने के लिए किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहा है इसका नजारा जनपद जालौन के मुख्यालय पर देखने को मिलेगा. लहरिया पुरवा कांशीराम कालोनी सहित तमाम मोहल्लों में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है. आलम यह है कि लोग घरों में खाना बनाने से लेकर सभी दैनिक कार्यों के लिए युद्ध स्तर पर संघर्ष करना पड़ रहा है. शहर के कई मोहल्लों में एक बाल्टी पानी के लिए लोगों को अपनों से ही जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

तीन दिन में एक टैंकर पानी…

पानी के लिए तरस रहे लोगों को 3 दिन में एक बार टैंकर से पानी मिलता है. जिससे लोगों की पूर्ती नहीं हो पाती. हालात इतने बदतर हो गये है कि लोगों को पीने के लिए भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है.

पानी के लिए लोग अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों की चौखट पर गुहार लगा चुके हैं लेकिन नतीजा शून्य ही निकलता है.

लगे है हैंडपम्प लेकिन…

ऐसा नही है कि इन जगहों पर हैंडपम्प नही है लेकिन विभागों की उदासीनता के चलते अधिकतर खराब पड़े है.

जिला प्रशासन ने इनको ठीक कराने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं जिसका नतीजा गर्मी में पानी की त्राहि त्राहि के रूप में सामने आया. अगर देखा जाए तो विगत दिनों प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ दौरे पर आए थे. उन्होंने पेयजल संकट और सूखे से निपटने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे.

लेकिन हालात  को देखकर लगता है कि आदेश ओर निर्देश सिर्फ कागज़ तक सीमित रह गए है.

यही कारण है कि पेयजल संकट को दूर करने के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई गई. मौजूदा समय में इस इलाके में प्रत्येक सदस्य महिला, पुरुष और बच्चे अपने खाली बर्तन लेकर टैंकर की राह ताकने में लग जाते हैं और जैसे ही पानी का टैंकर आता है संघर्ष शुरू हो जाता है.

लोगों की अधिकांशतः की वजह से एक टैंकर पानी दस मिनट में समाप्त हो जाता है. जिससे काफी लोग पानी से वंचित रह जाते है.

कलेक्ट्रेट ऑफिस में दिया था धरना…

हाल ही में इलाके के लोगों ने खाली बर्तन लेकर कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया था.  लेकिन अधिकारियों ने समस्या को जल्द से जल्द दूर करने का आश्वासन  देकर अपना पल्ला झाड़ लिया.

अरबों की कालोनी भी प्यासी…

वहीं जालौन के उरई में अरबों के बजट से खड़ी की गयी कांसीराम कालोनी में इन दिनों पानी की कमी से त्राहि-त्राहि मची है. जैसे-जैसे गर्मी अपने उफान पर है  वैसे वैसे जल स्तर के नीचे जाने से पानी की किल्लत सामने आने लगी है. सरकारी योजनाओं से लगे हैण्डपम्प ठेकेदारी और भ्रष्ट अधिकारियों की भेंट चढ़ गये है.

बसपा शासन काल में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा चलाई गई मान्यवर कांसीराम आवास योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को आवास उपलब्ध कराये गये. आज उन्हीं आवासों में रहने वाले अति गरीबों को भाजपा सरकार के शासन काल में पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है.

बच्चे नहीं जा पाते स्कूल… 

इन  कालोनियों के लोग पानी की कमी से इस कदर जूझ रहे हैं कि उनके अपने बच्चे भी पानी की कमी के चलते विद्यालय तक नहीं जा पा रहे हैं. क्योंकि माता-पिता के काम पर जाने से बच्चे ही दिन भर मशक्कत  करके पानी की जुगाड़ करते है.

वहीं महिलाएं भी पेयजल संकट को लेकर खासा परेशान हैं घर के बच्चे और महिलायें पानी के प्रबंध के लिये कई किलोमीटर दूर का सफर तय कर अपने सिर पर गगरी आदि रखकर एवं हाथों में बाल्टी आदि लेकर बड़ी ही मशक्कत से घर में पानी की पूर्ति कर रहीं हैं.

पुलिस वाले चौकी छोड़ भागे…

कांसीराम कालोनी  में एक पुलिस चौकी  बनाई गई थी जो यहाँ के वाशिंदो को सुरक्षा प्रदान करे. पेयजल संकट और भीषण गर्मी  के चलते पुलिस ने भी इस चौकी को छोड़ दिया. जो आज बच्चों के खेल की जगह बन गई है.

आज पुलिस चौकी पर नौनिहालों का कब्ज़ा है  बच्चों ने बताया कि यहां पर पुलिस पानी की किल्लत से चौकी  छोड़कर भाग गई है. प्यासे  बच्चो ने योगी जी से खाली बर्तन लेकर पानी की मांग की योगी जी योगी जी पानी दो  बच्चों ने पुलिस चौकी ने में खेल-खेल में सरकार का विरोध जताया और नारेबाजी करते हुये अपनी भावनाएं व्यक्त की.

अगर अगर पानी के लिए पानी के लिए समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया खूनी संघर्ष आ की स्थिति आ जायेगी.

वही जब इस समस्या पर प्रशासनिक अधिकारियों से बात की गयी की गयी तो पहले तो अधिकारी कैमरे से बचते नजर आये. उपजिलाधिकारी सदर बोले हमें मीडिया के माध्यम से समस्या के बारे में पता चला है जल्द ही समस्या का निदान कराया जाएगा.

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