एनटी न्यूज / लखनऊ डेस्क
- भारतीय सेना को समर्पित होगा पोस्टकार्ड कला प्रदर्शनी
- देश भर से कलाकारों , कवियों, लेखकों की होगी भागीदारी
उत्तर प्रदेश में पहली बार जून में होगी लखनऊ में अखिल भारतीय पोस्टकार्ड पर बनी कलाकृतियों की कला प्रदर्शनी. सप्रेम संस्थान और डॉट आर्ट फाउंडेशन द्वारा उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भारतीय सेना को समर्पित भारतीय पोस्टकार्ड पर बनी कलाकृतियों, कविताओं आदि की अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी जून 2019 में लगाई जाएगी. इस प्रदर्शनी में देश भर के कलाकार, कवि, लेखक के कृतियों को प्रदर्शित की जाएगी. इसमें सभी चित्रकारों, प्रिंटमेकरों, मूर्तिकारों, छायाकारों, कवियों, लेखकों, बच्चों सभी की कृतियों को शामिल किया जाएगा.
दिल्ली अगर पहले ओवर में ये गलती न करती तो पहुंच सकती थी फाइनल में
भारतीय सेना और पोस्टकार्ड विषय होंगे
प्रदर्शनी के संयोजक भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि इस प्रकार की प्रदर्शनी उत्तर प्रदेश में पहली बार लगाई जा रही है. प्रदर्शनी का केंद्र बिंदु भारतीय सेना और भारतीय पोस्टकार्ड होगा. इसी विषय पर लोगों की कृतियां होंगी.
पोस्टकार्ड पर भारतीय सेना को सलाम
इस प्रदर्शनी को डिजाइन करते हुए यह महसूस किया गया कि डाक नेटवर्क आजभी व्यापक स्तर पर है और देश के दूरस्थ क्षेत्रों तक आसानी से पहुंचता है. इस प्रकार “पोस्टकार्ड पर कला प्रदर्शनी के विचार का जन्म हुआ. प्रदर्शनी का शीर्षक “Salute to Indian army on post card (पोस्ट कार्ड पर भारतीय सेना को सलाम)” है.
जिन खिलाड़ियों ने 2011 वर्ल्ड कप जिताया वो 11 क्रिकेटर आज कहां हैं!
पोस्टकार्ड को फिर सबके बीच लाने का भगीरथ प्रयास
पोस्टकार्ड एक मोटे कागज या पतले गत्ते से बना एक आयताकार टुकड़ा होता है जिसे संदेश लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है, काफी समय से जहां संदेश भेजने का चलन बदल गया जिसके कारण पोस्टकार्ड का चलन भी लगभग बन्द सा हो गया. इस प्रदर्शनी के माध्यम से पोस्टकार्ड को कला के माध्यम से एक फिर सबके बीच लाने का एक छोटा-सा प्रयास है.
पोस्टकार्ड-
किसी जमाने में किताबों के बीच व सिरहाने के नीचे बहुत ही आदर, प्यार व सत्कार के साथ संभाल कर रखा जाता था. संदेश भिजवाने का एकमात्र सस्ता जरिया था. आज एक फिर कला ,कविता के माध्यम से आप सबके बीच उसी भावना के साथ लाने का प्रयास है.
एक प्रदर्शनी करने जा रहे हैं. जो हमारे भारतीय सेना को समर्पित होगी. जिसका कैनवास भारतीय पोस्ट कार्ड होगा. जो कभी हमारे भावनाओं के करीब था- चिट्ठी के रूप में. लोग सुंदर शब्दों के साथ अपने सुख-दुख को पोस्टकार्ड के माध्यम से एक दूसरे के पास भेजते थे. जो सबसे सस्ता संदेश भेजने का माध्यम था. आज लुप्त-सा हो चुका है. हमारा प्रयास है कि एक बार फिर कला और कविता के माध्यम से लोगों के सामने फिर उसी भावनाओं का प्रदर्शन किया जाए. जिसमें देश भर से चित्रकार, कवि, लेखक व बच्चे इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं.
इस बीमारी को चैलेंज करते हुए अदिति ने जीती यूपी बोर्ड की जंग
इससे पहले भी सप्रेम भेंट संस्थान लगाई थी पुस्तक पर प्रदर्शनी
मालूम हो कि कुछ दिनों पहले सप्रेम संस्थान द्वारा पुस्तकों पर बनी कलाकृतियों की भी प्रदर्शनी लखनऊ पुस्तक मेले में लगाई गई थी जो कि उत्तर प्रदेश की पहली प्रदर्शनी थी, जिसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों ने अपनी कृतियों को प्रदर्शित किया था.