एनटी न्यूज़ डेस्क/ अच्छी खबर
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) को संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता प्रदान कर दी है. अब संगठन का कामकाज और तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है. साथ ही इसके दायरे में आने वाले देश तेजी से सदस्य बनने के लिए आगे आएंगे.
क्या है इसका उद्देश्य…?
फ्रांस की राजधानी पेरिस में 30 नवंबर 2015 को आइएसए अस्तित्व में आया था. इस संगठन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कर्क एवं मकर रेखा के बीच आने वाले राष्ट्रों को एक मंच पर लाना है.
ऐसे राष्ट्रों की संख्या 122 है. इनमें से अब तक 58 देश आइएसए के सदस्य बन चुके हैं.
गत 9 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मिलने के बाद उम्मीद है कि अन्य देश जो कि अब तक सदस्य नहीं बने हैं, वे सदस्य बनने के लिए तेजी से आगे आएंगे.
अब आइएसए द्वारा बनाई जा रही योजनाओं को लागू कराना भी आसान हो जाएगा. यदि दो देशों के बीच किसी भी विषय को लेकर विवाद होगा तो मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय तक में ले जाया जा सकेगा. विश्व बैंक सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए तेजी से आगे आएगा.
सम्मेलन के बाद और तेज होंगी गतिविधियां
अगले सप्ताह 11 मार्च को दिल्ली में आइएसए के सदस्य देशों का सम्मेलन आयोजित होगा. इसमें सभी 58 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
सभी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में न केवल अपने प्रयासों की जानकारी देंगे बल्कि आगामी वर्षो में क्या कुछ विशेष करने वाले हैं, इस बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.
आइएसए सचिवालय की ओर से बनाई योजनाओं की जानकारी भी सम्मेलन में रखी जाएगी.
बता दें कि फिलहाल आइएसए का सचिवालय गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड स्थित राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान के सूर्य भवन में संचालित हो रहा है. इसी संस्थान के परिसर में सचिवालय का निर्माण होना है.