इसरो का जीसैट-6ए से संपर्क टूटा, वैज्ञानिक और इंजीनियर लगातार कर रहे हैं कोशिश

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से दो दिन पहले प्रक्षेपित देश के सैन्य उपयोग वाले सबसे नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-6ए से संपर्क टूट गया है. इसरो का कहना है कि जीएसएलवी- एफ08 से भेजे गए 270 करोड़ रुपये की लागत से बने इस उप्रग्रह (सेटेलाइट) से फिर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. देर रात इसरो के चेयरमैन के.सिवन ने कहा कि हमारे पास उपलब्ध डाटा से पता चलता है कि संचार उपग्रह से संपर्क जुड़ने की उम्मीद कायम है.

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क्या है इसरो का मानना

इसरो के मुताबिक, 31 मार्च की सुबह द्रव अपोगी मोटर (एलएएम) ने करीब 53 मिनट चल कर जीसैट-6ए को दूसरी कक्षा तक सफलतापूर्वक पहुंचाया, उपग्रह को एक अप्रैल को तीसरी और अंतिम बार इंजन की मदद से अंतिम लक्ष्य पर पहुंचना था और फिर कक्षा में चक्कर लगाना था, लेकिन उससे हमारा संपर्क टूट गया.

इसरो के मुताबिक, यह उपग्रह मोबाइल सिग्नल को सुदूर इलाकों में पहुंचाने में मदद करता. भारतीय सेना इन मोबाइल सिग्नलों का उपयोग करती.

राकेट के प्रक्षेपण के बाद इसरो के चेयरमैन के.सिवन ने अपनी पोस्ट में कहा था कि जीसैट-6ए उपग्रह जीसैट6 का ही परिष्कृत रूप है. यह दोनों उपग्रह मिलकर नई तकनीकों को ईजाद करने का प्लेटफार्म बनेंगे.

उपग्रह पर इसरो ने चुप्पी साधी

उपग्रह के संबंध में इसरो की चुप्पी ने लोगों के मन में संदेह पैदा कर दिया. सामान्य तौर पर इसरो उपग्रह के सभी स्तर की गतिविधियों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर साझा करता है. इसरो ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि गड़बड़ी क्या हुई है.

जीसैट-6ए के बारे में आखिरी अपडेट 30 मार्च को सुबह 9.22 मिनट पर मिला था, जब इसने पहली कक्षा को पार किया. अभियान से जुड़े लोगों ने कहा कि सेटेलाइट ने दूसरी कक्षा को भी सामान्य तरीके से पार कर लिया, लेकिन इसके तुरंत बाद ही कुछ परेशानी शुरू हुई.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

17 मिनट बाद कक्षा में हो गया था स्थापित

415.6 टन वजनी और 49.1 मीटर लंबे प्रक्षेपण यान जीएसएलवी08 ने 29 मार्च की शाम जीसैट-6 ए को अंतरिक्ष में पहुंचाया था जो 17 मिनट बाद कक्षा में स्थापित हो गया था.

पावर सिस्टम में गड़बड़ी

अभियान से जुड़े लोगों के मुताबिक, सेटेलाइट के पावर सिस्टम में कोई गंभीर खराबी आ गई है. वैज्ञानिक व इंजीनियर दिन-रात इसी खामी को दूर करने में जुटे हैं.

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