Wednesday , 24 April 2024

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दी गई तकनीकी जानकारी

एनटी न्यूज़डेस्क/प्रयागराज 

प्रयागराज : जनपद में फाइलेरिया की जाँच के लिए दो सप्ताह तक नाइट ब्लड सर्वे कराया जान है। इसके लिए सभी सम्बंधित स्वास्थ्य केन्द्रों के कर्मचारियों को फाइलेरिया पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया। सी.एम.ओ. डॉ. प्रभाकर राय के निर्देशा पर जिले में फाइलेरिया की रोक थाम के लिए 4 मार्च से लेकर 17 मार्च तक नाईट ब्लड सर्वे होना है। सर्वे के बेहतर परिणाम के लिए सम्बंधित केन्द्रों के कर्मचारियों को फाइलेरिया क्लीनिक, नगरीय मलेरिया इकाई, प्रयागराज में मंगलवार को प्रशिक्षण दिया गया।

प्रविधिज्ञों को अलग से प्रशिक्षित किया जा रहा

जिला मलेरिया अधिकारी के.पी. द्विवेदी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धनूपुर, प्रतापपुर, माण्डा, बहरिया, चाका एवं कोटवा नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खरकोनी एवं तेलियरगंज के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में नाईट ब्लड सर्वे होना है। इसमें फाइलेरिया की जाँच के लिए 4 सेन्टीनल एवं 4 रैन्डम साइट्स चिन्हित की गई हैं। सर्वे टीम में लैब टेक्नीशियन, आशा, ए.एन.एम., एच.ई.ओ. के साथ ही बी.पी.एम. एवं बीसी.पी.एम. भी रहेंगी। प्रस्तावित आई.डी.ए. कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित सभी सी.एच.सी.व पी.एच.सी. के प्रयोगशाला प्रविधिज्ञों को अलग से प्रशिक्षित किया जा रहा है।

ध्यान देने वाली बातों से अवगत कराया गया

पाथ संस्था के डॉ. शिवकान्त ने प्रशिक्षण का संचालन किया। प्रशिक्षण में डॉ. कान्त के अलावा एफ.आई. एस.के.सिंह व एल.टी. एस.पी.गौतम ने प्रशिक्षण दिया। उपस्थित प्रयोगशाला प्रविधिज्ञों को कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही फाइलोरिया बीमारी, कारक तथा प्रभाव, परजीवी का जीवन चक्र आदि पर पूरी जानकारी दी गई। इसके साथ ही उन्हें रक्त का नमूना लेने और रक्त पट्टिका बनाने में ध्यान देने वाली बातों से अवगत कराया गया।

इसका उपचार समय से इसकी पहचान करना

डॉ. शिवकान्त ने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसका असर शरीर पर बहुत देर से दिखता है। किसी व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण दिखने में संक्रमित होने के बाद पांच से दस साल भी लग सकते हैं। लेकिन इतने समय में बीमारी बहुत गंभीर रूप ले चुकी होती है। इसका इस मात्र उपचार समय से इसकी पहचान करना ही है ताकि समय रहते उपचार हो सके।