एनटी न्यूज डेस्क / मथुरा / बादल शर्मा
कर्मचारी संगठनों ने 2005 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों की पेंशन खत्म किये जाने के मामले में नया मोर्चा खोल दिया है. अभी तक अपनी पेंशन बहाली की मांग कर रहे कर्मचारी संगठनों ने अब एक दूसरी मांग उठा दी है जो सरकार के लिए खासी परेशानी खड़ी कर सकती है.
यह आंदोलन आगे बढ़ा तो इससे सांसद, विधायकों के साथ सरकार की भी काफी किरकिरी होगी. कर्मचारी बोले हमारी पेंशन नहीं तो सांसद विधायकों की पेंशन भी खत्म की जाये.
कलक्ट्रेट पर प्रांतीय आह्वान पर धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि पहले कर्मचारियों की पेंशन होती थी, सांसद और विधायक या मेयर की नहीं लेकिन सरकारों ने अपने लाभ के लिए सरकारों कर्मचारियों की पेंशन खत्म कर दी और अपनी पेंशन के साथ दूसरी सुविधाएं लगातार बढ़ाते जा रहे हैं.
कर्मचारी 60 की उम्र तक सेवा देने के बाद भी पेंशन का हकदार नहीं है जबकि कोई एक दिन का विधायक पूरी जिंदगी पेंशन लेगा ये लोकतंत्र में खुला भेदभाव है. कर्मचारी संगठन इस अन्याय के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे. सरकार या तो सांसद विधायकों की पेंशन खत्म करे अन्यथा सरकारी कर्मचारियों की पेंशन भी बहाल करें.
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